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चैयरमेन डा. रिखव सी जैन
विकास के पथ पर अग्रसर ‘टी टी लिमिटेड’
नई दिल्ली/ टी टी लिमिटेड के चैयरमेन डा. रिखव सी जैन ने हाल ही में हुई 33वीं वार्षिक आम सभा में सभी उपस्थित लोगों का स्वागत करने हुए कहा कि सिर्फ टी टी लिमिटेड ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की टेक्सटाइल्स के लिए वर्ष 2011-2012 का वर्ष मुश्किल भरा था और कई मायनों में आर्थिक मंदी के वर्ष 2008-2009 से भी बुरा था।
उन्हांेने कहा कि काॅटन अैर सूत के मार्च 2011 में दाम शिखर पर चढने के बाद अचानक तेजी से दुनिया भर में 35 प्रतिशत से भी अधिक दो महीने के थोड़े से अन्तराल में गिर गए। पूरा उद्योग डगमगा गया। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक वह वर्ष भयंकर तेजी-मंदी से 150 वर्षों का रिकार्ड तोड़ गया। टेक्सटाइल मंत्रालय के रिकार्ड के मुताबिक भारत में तेजी से काॅटन वस्त्र उद्योग में गिरावट आई। जून-जुलाई 2011 में सूत उत्पादन 11 प्रतिशत कम हुआ और कपड़ों का उत्पादन 17 प्रतिशत कम हुआ।
यह सब विश्व की आर्थिक अर्थव्यवस्थाओं खासकर यूरोप में गडबड़ी से हुआ। ऐसे कठिन समय में भारत सरकार ने गारमेन्ट्स में एक्साइज डयूटी लगाकर और मुश्किलें बढ़ा दी। 2011 के पिछले हिस्से में विदेशी मुद्रा की तेजी मंदी ने भयंकर रूप ले लिया। इससे और बिगाड हुआ। अनिश्चितता और एक्सपोर्ट इंसटेक्टिव घटा देने से दुनिया के बाजारों में अस्थिरता आ गई तथा एक्सपोर्ट घटा।
इस वर्ष कम्पनी का टर्नआॅवर 485 करोड़ से घटकर 382 करोड़ रूपए रह गया। यानी 21 प्रतिशत घट गई। डिमांड और एक्सपोर्ट में कमी हुई। दाम घटे। इसी वजह से कम्पनी ने करीब दो करोड का नुकसान उठाया। पिछले 2 वर्षों से आपकी कंपनी ब्रांडेड निटवीयर और गारमेन्ट व्यवसाय पर अधिक ध्यान दे रही है। 20 प्रतिशत टर्नआॅवर गारमेन्ट का था। जोकि इससे पिछले वर्ष 17 था। एकसाइज डयूटी लग जाने से सेल वैसे ही खराब हो गई। कम्पनी के अन्य विभागों में भी दाम घटे।
इस वर्ष सावधानी और समास्याओं से जूझते रहे। ऐसे वातावरण में सेल बढाने का कोई अवसर ही नहीं था। इन सभी कारणों से अपनी कम्पनी प्रोफिट नहीं कर सकी। बहुत ही प्रयास करने पर भी नुकसान बचाने पर भी थोड़ा सा नुकसान रह ही गया। ये सब दुनिया भर टेक्सटाइलस की मंदी और विदेशी मुद्रा की गड़बडाहट, ब्याज की बढ़ोतरी, बिजली पावर के रेट बढ़ने, एक्सपार्ट सब्सिडी घटने और टैक्सेज के बढ़ने से हुई। ऐसे परिदृष्य में आपकी कम्पनी इस साल डिविडेन्ड नहीं दे पा रहीं है।
बुरा समय बीताः डा. जैन ने कहा कि बुरा समय बीत गया। उन्होने कहा कि आपकी कम्पनी ने पिछले नुकसान की भरपाई
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही कर ली है। चालू वर्ष मे रूपये के विदेशी मुद्रा की तुलना में गिरावट और काॅटन के दाम कम हाने से पावर और लेबर के मसले से सूते के दाम के कम न होने से मुनाफे का अवसर आया। सरकार की असुधाजनक अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी को देखते हुए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि सब अच्छा ही होगा। भारत सरकार ने टेक्सटाइल्स के लिए आधुनिकरण फंड जारी रखने की पुनः स्वीकृति दे दी है। करीब 100 करोड की लागत से राजुला, गुजरात में टीटी का सूत का प्रोजेक्ट प्रगति पर है। आधुनिकरण स्कीम, इन्सेन्टिव, गुजरात सरकार ने ऐसे प्रोजेक्ट को ब्याज की छूट और पावर की दरों में छूट 5 वर्ष के लिए, और वैट व सीएसटी रिफन्ड 8 वर्ष के लिए घोषित किए हैं। पिछले वर्ष से आर्थिक मंदी के कारण कम्पनी ने निटवीयर कारोबार में परेशानियों का सामना किया। 50 प्रतिशत गारमेण्ट के बिक्री बढ़ाने की उम्मीद रखती है। नये विज्ञापनांे की योजना, टीवी एवं मीडिया में विज्ञापन का प्रयास कर रहे है। टीटी ई-मार्केटिंग, आॅनलाइन शाॅपिंग एवं एक्सक्लूसिव शाॅप को भी बढ़ावा दे रही है। 20 करोड़ की लागत से आधुनिक गारमेन्ट प्रोजेक्ट त्रिपुर में पूर्ण रूप से चालू हो चुका है।
पावर लागत घटाने के लिए पावर एक्सचेंज के माध्यम से कम रेट पर हमारी फैक्ट्रियां पावर खरीद रही है। अपने मजबूत ब्रांड इक्विटी का लाभ उठाने के लिए और बिक्री के लिए बाजारों और उत्पादों का विस्तार कम्पनी डिजाइन और विज्ञापन का आधुनिक उपयोग को बढावा दे रही है।
मास्टर ब्राण्ड का दर्जा- आपको जानकार प्रसन्नता होगी की टी टी ब्रांड को ‘मास्टर ब्रांड’ के दर्जे से अलंकृत किया गया है। सूते और कपडे+ के क्षेत्र में 20प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। प्रोफिट मार्जिन और अच्छा होना चाहिए। ऐसी उम्मीद है। मुश्किलों भरा पिछला वर्ष बीत जाने पर अपनी कम्पनी पुनः विकास पथ पर है। ज्यादा व्यापार और ज्यादा मुनाफे का लक्ष्य रखा गया है। सभी शेयर होल्डर को प्रसन्नता होगी। अगले वर्ष अच्छे परिणाम घोषित कर सकेंगे। आपकी कम्पनी की प्रत्येक फैक्टरी में सूर्य ऊर्जा संकलित कर रही है। हम उम्मीद करते है कि 2016 तक सारी हमारी फैक्टरियां ग्रीन ऊर्जा, सूर्य ऊर्जा या वायु शक्ति पर चलेंगी। आपकी कम्पनी का यह एक अनूठा प्रयास पर्यावरण बचाव के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए और निश्चित रूप से पृथ्वी और पेड़ांे को बचाने का होगा।
टी टी लिमिटेड सदैव अपनी समुदायिक व सामाजिक जिम्मेदारियों के लिए भी जागरूक है। '
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