सजने लगे बाजार ः लौटने लगी रौनक
साडि़यों में नये क्रिएशन की डिमाण्ड
|
|
|
कोलकाता/ श्री गणेश उत्सव और विश्वकर्मा पूजा के शंखनाद बाद रिटेल ग्राहकी की बड़ी आशा बन रही थी कि फिर एक बार महंगाई ने सिर उठा लिया। फिर भी कपड़ा व्यवसायियो को पूरी उम्मीद है कि पहले पूजा फिर दिवाली से कपड़ा बाजार में रौनक बनी रहेगी। अब यह लगभग तय है कि यहां से कपड़े का भाव अब कम हो नही सकता जो आइटम ज्यादा चल चुकी होगी उसके दाम नर्म पड़ सकते हंै। मसलन इचलकंरजी से आता इंडिको काफी तेज चलने के बाद अल्पविराम के दौैर से गुजर रहा था, लेकिन ईद के बाद बाजार में फिर एक बार बर्मूडा के लिए ब्लू इंडिको और मल्टी इंडीको की मांग निकली है। दाम में सुधार के साथ ही गिरावट होने के बाद फिर कपड़ा भारी मात्रा में बिक रहा है। इचलकंरजी की सि(ि विनायक इकाई का माल मोटियाबुर्ज बाजार में अच्छी मांग और बढ़त बनाये हुए हैं। मोटियाबुर्ज में रेडीमेड के लिए कपड़ा वोल्यूम के साथ बिकता है। किड्स वियर के तैयार कपडे+ यहां पर बड़े पैमाने पर सिल कर तैयार होते हंै। शहर से दूर यह एक बड़ा कपड़ा बाजार है। शहर से दूर एक बड़ा कपड़ा बाजार अब यहां जम चुका है। जींस के लिए काफी कपड़ा अहमदाबाद से लगातार आ रहा है। यह ट्रेंड भी अब जोर से चलने की पूरी संभावना है। शर्टिंग में भिवंड़ी का कपड़ा बिक रहा है। लेकिन उम्मीद से थोड़ी कम मांग होने की वजह से बुकिंग थोड़ी धीमी है। किसी भी वक्त रिटेल मार्केट से सिले सिलाये शर्ट की डिमाण्ड निकल सकती है। सो थोडे+ दिनों में भिवंडी के कपड़े की मांग जोर से उठ सकती है।
जिस चलन से व्यापारी वर्ग चकित है वह स्कूल ड्रेस और यूनिफाॅर्म की खपत है। कम दाम के सूटिंग का कपड़ा बाजार में कम दिख रहा है। गोरखपुर के कम दाम की सूटिंग की मांग बरकरार है। जबकि 260 ग्राम, 290 ग्राम क्वालिटी के प्लेन शर्टिंग की मांग भी अच्छी है। डिमाण्ड के सामने सप्लाय कमजोर होने की वजह से ऊंचे दामों में प्लेन शर्टिंग की लेवाली बनी हुई है। जहां फैंसी कपड़ा जोर शोर से बिकना चाहिए उस मुकाबले में यूनिफाॅर्म ने अपनी स्थिरता कायम रखी है। अब सूत के दाम कम होने के कोई आसार नहीं आते सो माल की डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ने की सम्भावना साफ दिख रही है। ताकि कपड़ा सीजन के हिसाब से बिक रहा है लेकिन यूनिफाॅर्म अब हर सीजन में चल रहा है। बढ़त दामों की वजह से व्यापारी सीमित बुकिंग कर रहे हैं, आने वाले दिनों में दामों की स्थिति साफ होने पर जोश के साथ स्कूल ड्रेस के कपड़ों में रिकाॅर्ड दाम में माल बिकेगा।
शर्टिंग और सूटिंग की होलसेल मार्केट में अब रौनक आ रही है। मिल और पावरलूम यूनिट्स आकर्षक स्कीम ;उपहारद्ध के साथ ज्यादा से ज्यादा माल बेचने की कोशिश में लगी हुई है और काफी हद तक यह योजनाएं कामयाब होती रही है। शर्टिंग में अभी भी मुंबई के सोबर-सौम्य स्ट्राइप्स और चेक्स का बाजार जमा हुआ है। जबकि ड्रेस मटेरियल में सूरत और अहमदाबाद का कपड़ा ज्यादा चल रहा है। इस रेंज में प्रिंट और विविधता की मांग जोरों पर है। अहमदाबाद के कुर्ती और प्लेन कपड़े की डिमांड देखी गई है।
सबसे ज्यादा बड़ी रेंज सर्दी विक्रेताओं को रखनी पड़ती है। पूजा में नई फ्युजन साड़ीयां भी बड़े जोर से बिकती है, तो पारम्परिक हेंडलूम की साड़ीयों की भी मांग निकलती है। इस वक्त बाजार में बेगमपुर की तांत की साड़ीयां, आंध्र प्रदेश की कलमकारी, भागलपुर की टसर ;जयपुरी प्रिंट के साथद्ध, काॅटन जरदोसी, मटका, बनारसी मलमल, आंध्र प्रदेश की तेनिया या सब मिलाजुला कर कोई नयी फ्युजन बनाने की और लुभावनी श्रेणी बनाने की दिनरात मेहनत हो रही है। सूरत की प्रिंट सिंथेटिक साड़ीयांे की मांग हर साल की तरह ही है। चूमकी वाली चमकती से लेकर नई-नई डिजाइनों से शोरूम सज्ज गये हैं। धूप-छांव वाला सिलसिला कुछ अलग तरीके से नजर आ रहा है। कोलकाता की महिलायें सालभर खरीददारी से पूजा में कुछ नयापन ढूंढती और यह रिटेल शोरूम वालों के लिए परीक्षा की घड़ी होती है।
कुल मिलाकर उत्सव का माहौल बन रहा है। खुशियां एक साथ नहीं आती लेकिन कपड़ों की पसंद में खुशियां बहुत ज्यादा आती हैं। कपड़ा बनता है, उससे कहीं ज्यादा देखा और परखा जाता है।
|
|
 
 
 
|