गारमेण्ट कपड़ों में प्रतिस्पर्धा बढने के आसार
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मुंबई/ रेडीमेड गारमेण्ट की मांग कमजोर है। काउंटरों पर माल का सेल कमजोर है। बाजार आर्थिक तंगी और गलाघोटू प्रतिस्पर्धा का शिकार हो गया है। सीजनल कमजोर बिकवाली से परेशान कारोबारियों को आगे बढते स्टॉक से जूझना पडेगा। देश भर में महंगाई के बढ ने से लोगों की खरीदशक्ति कमजोर हो गई और वे जीवन जरूरी वस्तुओं की खरीदी पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में तैयार कपडो की मांग सीमित हो गई है। बाजार में नए डवलप किए गए माल आ रहे हैं, परंतु उनकी लेवाली कमजोर है। दूसरी तरफ निर्यात की हालात पतली है। आयात में बांग्लादेश का माल आया है। स्थानीय बाजार में स्टॉक बोझ और प्रतिस्पर्धा के बढ ने के आसार है।
जबसे कुमार मंगलम् बिडला ने पेंटालून स्टोरों को हस्तगत किया है, तब से भारत के फैशन रिटेलिंग बाजार में हलचल मच गई है। इस लाइन के तीन बड े दिग्गज टाटा, रिलायंस और बिड ला के भिन्न-भिन्न अभिगत है। टाटा ने विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम पर जोर दिया है। रिलायंस ने अपना धंधा बढ ाने के लिए सतही तैयारी की है। बिड ला ने स्थानीय इकाई जैसे कि मदुरा, त्रिनेत्रा और पेंटालून को हस्तगत कर इसे विस्तार दे रही है। बिड ला का मोर बिजनेस इस साल ७५० करोड रूपये का निवेश करने वाला है।
शर्टिंग में प्रतिस्पर्धा बढ है और ऐसे उत्पादकों एवं कारोबारियों के पास भरपूर कामकाज है, जो मौजूदा बाजार के मिजाज और फैशन के अनुकूल काम करने पर जोर दे रहे हैं।
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