ग्राहकी खुलने का बेसब्री से इंतजार
मई से सितम्बर की अवधि के दौरान बिक्री रही बहुत कमजोर
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नई दिल्ली/ कपड़ा उद्योग-व्यापार को फेस्टीवल एवं वैवाहिक सीजन की ग्राहकी खुलने का बेसब्री से इंतजार है। मई से सितम्बर 2012 की अवधि के दौरान बिक्री बहुत कमजोर रही। अब सीजन नजदीक आ गया है लेकिन अभी भी बिक्री में सुधार नहीं होने से व्यापारी ग्राहकी के प्रति आशंकित नजर आने लगे हैं। सीजन के प्रति अब तक आश्वस्त लोग भी अब यह कहने लगे हैं कि सीजन चलेगा भी या नहीं। कारोबारियों के अनुसार यदि अगले पखवाड़े तक ग्राहकी में तेजी नहीं आती है तो फिर कारोबार जारी रखना कठिन हो जाएगा। यही नहीं इस अवधि के दौरान जो छुटपुट काम हुआ है, वह उधारी में हुआ है। भुगतान की आवक नहीं खुल रही है।
इस फेस्टीवल एवं वैवाहिक सीजन पर निर्माताओं एवं व्यापारियों सभी की उम्मीद टिकी हुई है। देश-विदेश में व्याप्त मंदी के चलते यह सभी के लिए कठिन समय है। निर्माताओं ने अपनी क्षमता विस्तार की परियोजनाएं या तो रोक दी हैं अथवा स्थगित कर दी है। कमजोर बिक्री की वजह से मिलें अपनी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पा रही है। कारोबार में सुधार की उम्मीद सभी को है।
मिलों से माल तो बिक चुके हैं लेकिन बाजार व पाईप लाइन में भारी स्टाॅक है और जब तक यह माल नहीं बिक जाता तब तक रिपीट मांग की संभावना कमजोर है। विगत दिनों थोक व्यापारियों ने जो तैयारी की है, उससे मिलों के उत्पादन में सुधार हुआ जिससे उत्पादन क्षमता के अधिक उपयोग की संभावना बढ़ी।
कपड़ा उद्योग महासंघ के महासचिव श्री डी के नायर के अनुसार टेक्सटाइल सेक्टर में सुधार हो रहा है। कम्पनियों ने नए आॅर्डर अच्छे मिल रहे हैं। उनका कहना है कि गारमेंट को छोड़कर अन्य टेक्सटाइल आइटमों की निर्यात मांग ठीक है।
बहरहाल बाजार में सीजनल ग्राहकी की हिलडुल शुरू हो चुकी है। पूछपरख चल रही है। अगले पखवाड़े तक ग्राहकी में सुधार की उम्मीद है।
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