आधुनिक शटललेस लूम किराए पर देकर
छोटे पावरलूमधारकों को शटललेस लूम्सधारक बनाने का प्रस्ताव
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कोल्हापुर/ शटललेस लूम किराए पर देकर छोटे पावरलूमधारकों को शटलेस लूम्सधारक बनाने का प्रस्ताव केन्द्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय के पावरलूम वीवर्स एसोसिएशन और शटललेस लूम्स ओनर्स एसोसिएशन के प्रयासो से यह पथदर्शी परियोजना की प्रक्रिया शुरू है।
इचलकंरजी में 1904 में विकेन्द्रित क्षेत्र का पहला पावरलूम स्थापित हुआ। शायद ही किसने अनुमान लगाया होगा कि सौ सालों के औद्योगिक सफर में वस्त्रनगरी में 8 पावरलूम, 6 हजार आॅटो और 2 हजार आॅटो और लूम्स स्थापित होंगे। अब शहर के साथ कोल्हापुर और सांगली जिले में एक लाख 10 हजार पावरलूम, 42 सूत मिलें, 8 हजार स्वयंचलित, 3 हजार अंशतः स्वचलित लूम्स हैं। दोनों जिलों के साथ पड़ौसी बेलगांव जिले में छोटे-बड़े गार्मेंट यूनिट की संख्या 300 से अधिक है। शहर तो देश का सबसे बड़ा काॅटन बेस फेब्रिक्स का केन्द्र बना है।
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