सफेद रंग की साडि़यों पर स्टोन वर्क का टेªण्ड बढ़ा
अक्टूबर मंे ग्रााहकी चलने की आशा ः परेशान वीवर दीपावली छुट्टियां लम्बाने के मूड में
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सूरत/ आगामी दशहरा, दुर्गापुजा दीपावली व वैवाहिक सीजन्स में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सूरत के कपड़ा उत्पादक नये-नये पैटर्न, डिजायन व वर्क आदि दे रहे हैं। युवा व उभरते कपड़ा आढ़तिया श्री कृष्ण कुमार पाटोदिया के अनुसार इस सीजन में सफेद रंग की साडि़यां मांग बनाए हुए हैं। पूर्व में यह रंग महज तमिलनाडू तक सीमित था। अनुमान श्वेत धवल रंग की साडि़यां सुहागिनें कम पसन्द करती है लेकिन फैशन के बदलने के दौर में हर नामुमकीन चीज मुमकीन है। फैशन डिजाइनरों ने सफेद रंग की साडि़यों पर अनेक तरह के वर्क दिये हैं। कृष्णा के अनुसार व्हाइट ग्राउण्ड की साडि़यों पर प्रिन्ट भी चल रहा है। वे स्मोक वर्क से ये साड़ीयां आर्कषक बनी है। प्रिन्ट व व्हाइट पर स्टोन वर्क का बोलबाला है। छोटे-छोटे डायमन्डनुमा स्टोन जोे कि 5 रूपये में 100 की संख्या में लगते हंै। एक-एक साड़ी पर दो हजार तक स्टोन लगाए जा रहे हैं। इस बार 60 ग्राम सिफाॅन, मोरू क्रेज तथा वेलवेट जैसी क्वालिटियां चलन बनाए हुए हंै। पूर्व में 90 से 100 रूपये तक की धाणी ग्रे आधारित साड़ीयों वेलवेट साडि़यां चलती थी अब खरीददारी ने 130-260 रुपये तक की वेलवेट साड़ीयां पसंद की जा रही है। जानकारी के अनुसार वेल्यु एडेड में मल्टी, सिकवेन्स व मल्टी हेन्ड वर्क चल रहा है। प्रिन्ट व वेल्यू एडेड साडि़यां 1000 रूपये तक में बिक रही है। जबकि मोस क्रेप मंे वेल्यू एडेड साडि़यां 1000 से 1500 रूपये तक मांग बनाए हुए हैं।
अक्टूबर से उम्मीदेंः सूरत के आर्ट सिल्क कपड़ा व्यापार से जुड़े उद्यमी अब अक्टूबर माह से ग्राहकी चल पड़ने की उम्मीद कर रहे हंै। कपड़ा बाजार समीक्षक श्री अरूण पाटोदिया के अनुसार बाजार में ग्राहकांे की तनिक उपस्थिति देखी जा रही है व व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ी है। पिछले माह मंे कई कारणों के चलते ग्राहकी बुरी तरह प्रभावित रही। कपड़ा व्यवसायी श्री दिलीप गोठी के अनुसार बाजार में तमिलनाडू के ग्राहक नजर आ रहे हंै। लेकिन वे अब पहले की तरह बम्पर खरीदी नहीं कर रहे है। दरअसल भावों की वृ(ि से कपड़े की लागत बढ़ गई है। दूसरी ओर बाजार में वित्तीय संकट बने रहने से तरलता का अभाव है। कपड़ा व्यवसायी श्री चम्पालाल बोथरा के अनुसार दिशावरी व्यापारियों द्वारा लम्बे समय से सूरत के माल की खरीदी न किये जाने से दिशावरी मण्डियों में पाइपलाइन खाली है। डीजल में करीब 5.50 रूपये प्रति लीटर बढ़ जाने से कपड़ा फसलों की ढुलाई महंगी हो गई है। माना जा रहा है कि ट्रान्सोपोर्टशन दरों में 15 से 20ø तक का इजाफा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार देश भर में अभी तक खुदरा ग्राहकी नहीं चल पाई हैं, हालांकि वैवाहिक मुहुर्त दिसम्बर में है। अधिक मास होने से चातुर्मास इस बार 5 माह का है। बहरहाल पहली अक्टूबर से ग्राहकी चल पड़ने की उम्मीद है।
परेशान वीवरः सिन्थेटिक यार्न के भावों में एकतरफा तेजी का दौर बना हुआ है लेकिन ग्रे कपड़ा भावों में बढ़ोतरी तो दूर पूरानी दरों में भी कपड़ा बिक नहीं पा रहा है। इस कारण वीवर्स ग्रे के भावों में तेजी का वातावरण बनाने हेतु वेकेशन लम्बाने के मूड में है। उल्लेखनीय है कि सूरत के वीविंग उद्योग में सौराष्ट्रीय व काठियावाड़ी पटेल, सूरती खत्री व मारवाड़ी अन्य लोगांे का समावेश है लेकिन इस उद्योग में वर्चस्व तो काठीयावाड़ी पटेलों आदि का है। सूत्रों के अनुसार वीवर्सों की लाॅबी में इस बार एसएमएस के द्वारा दीपावली की छुट्टियां एक माह तक रखने की सूचना प्रेषित हो रही है। यह एसएमएस वीवर्स महाजागृति अभियान के नाम से भेजा जा रहा है। एसएमएस द्वारा वीवर्स को दीपावली वेकेशन की छुट्टियां 1 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक रखने हेतु आग्रह किया जा रहा है। हालांकि कारोबारी मन्दी के चलते ग्रे भावों में सुधार नहीं होने से अनेकों वीवर्स स्वेच्छिक रूप से उत्पादन कटौती का सहारा ले रहे हैं। अतीत में दीपावली पश्चात खुले बाजार में यार्न की तेजी के सहारे ग्रे कपड़ा भावों में उछाल आ चुका है।
यार्न के भाव में तेजी ः अन्तराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल में करीब 9% की गिरावट के बावजूद सिन्थेटिक यार्र्न बाजार में तेजी का दौर बना हुआ है। स्थिति यह है कि फ्रन्टलाइन स्पिनर हर सेल नई भाव वृ(ि के साथ दे रहे है। टेक्च्राइजिंग उद्योग से जुड़े श्री सुरेश बाफना के अनुसार यार्न में तेजी की वजह यार्न उपयोगी राॅ मटेरियल्स के भावों में इजाफा हो जाना है। दरअसल पी.टी.एम.ई.जी व चिप्स के भाव बढ़कर बोले जा रहे हंै। कभी महज 72 रूपये प्रति किलो तक बिकने वाली चिप्स 86.50 रूपये प्रति किलो तक पहंुच गई है, जबकि 1150 डाॅलर प्रति टन बिकने वाला पी.टी.ए. 1300 व एम.ई.जी. 1275 के इर्द-गिर्द के गत 16 सितम्बर को फ्रन्टलाइन स्पिनरो नंे भाव वृ(ि साथ अतिरिक्त सेल दिया। पी.ओ.वाय में 2.50 रूपये चिप्स में 3.75 रूपये एम.ई.जी, पी.टी.ए.एम. आई में 3.75 रूपये फिलामेन्ट में प्रति किलो 2 से 5 रूपये किलो की बढ़ोतरी की गई टेक्च्राइजरों को यार्न की भाव वृ(ि परेशान कर रही है। पी.ओ.वाय है यार्न बनाने में कन्वर्जन की 12 रूपये के करीब लागत बढ़ती है जबकि उन्हंे महज 8 से 10 रूपये किलो तक ही कन्वर्जन चार्ज हाथ में आ पा रहा है।
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