मिलों ने भाव बढ़ाये लेकिन अपेक्षानुसार ग्राहकी नहीं
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ग्वालियर/ गत पखवाडे यहा की होलसेल व रिटेल कपड़ा मार्केटो में ग्राहकी कमजोर बनी रही। अभी रिटेलर के पास पिछला स्टाॅक काफी पड़ा हुआ है इसलिये ज्यादा माल लेने की स्थिति में नही है। अक्टूबर माह के दूसरा सप्ताह से ही ग्राहकी में ही थोड़ी जान आ सकती है। रिटेल में ग्राहकी कमजोर रहने से पैसे की आवक काफी कमजोर रही है। इसलिए कारण है ग्राहकी कमजोर चलने का सूटिंग-शर्टिंग में मिलों ने 5-8% तक भाव बढ़ा दिये है। मिलों का कहना है कि यार्न, लेबर दूसरे चार्जेस बढ़ने से भाव बढ़ाना मजबूरी है। इसी प्रकार सिथेंटिक साडि़यो व काॅटन के मालों में भी बड़े हुए है। मिलों में बुकिंग का कार्य काॅन्फेन्सों में हो रहा है। नई मिलो में रिजल्ट भी बुकिंग के लिए डिक्लेयर हुए है। रीड एडं टेलर ने अपनी सुपर प्रिमियम रेन्ज एक्जिटिव रेन्ज स्काटलैण्ड टीम में इन्दौर में बुकिंग कि है। रीड एण्ड टेलर ने यह रेन्ज 100-230 काउंट यार्न से यह रेन्ज विकसित की गई है। रीड एण्ड टेलर के मध्यप्रदेश के एजेण्ट श्री सतीश अजमेरा ने बताया कि अपनी क्वालिटी डिलर नेटवर्क के भरोसे मध्यप्रदेश में अच्छी सफलता मिली है।
मिल ने जेकेटिंग के लिये 30-45 हजार तक की परपीस रेन्ज बनायी है। मध्यप्रदेश अच्छा नेटवर्क विकसित किया है। सुटिंग ने, सियाराम ने, रेमण्ड की मेकर्स से टक्कर देने के लिए 200 से ज्यादा नई वैरायटी प्रस्तुत की है। रायल लिनन के नाम से लिनन की अच्छी क्वालिटि पेश की है। इस समय व्यापारी मिल में पर्दे के माल लेने के लिए मिलों में जा रहे है। कई व्यापारीयों के पास नया माल आ भी गया है। रीड एण्ड टेलर की पेण्ट पीस पैकिंग व खाकी ने मांग बनी हुई है। अन्य मिलों ने ग्रासिम, रेमण्ड, ग्रेवियरा, सियाराम, मयूर, डोनियर, रायल क्लासिक, सतलज सुटिंग, बीएसएल, वेलमार्ट, चिनार, सुटिंग के मालों में छुटपुट मांग बनी हुई है। ट्राउजर के लिए युवको में काॅटन साटन में काटवील की मांग बनी हुई है। इसमें ग्रे कपडे का अस्तर लगाया जाता है। भीलवाड़ा के माल में मुरारका सुटिंग की मांग डिजाइनो में अच्छी है। सुजूकी, गुडविल व सुजकी के मालों में मांग बनी हुई है।
शर्टिंग के अन्दर ग्राहकी कमजोर है। चाईना शर्टिंग रेनी की नई क्वालिटी बाजार में आई है। मुंबई की बाॅम्बे रायन, दक्षलीन, बाॅम्बे पाॅट, अरवीन्द, मध्यप्रदेश टेक डोनियर, यूरोटेक्स, बजाज फेब, जिन्दल फेब के मालों में छुटपुट मांग बनी हुई है। साड़ीयों में ग्राहकी थोडी कमजोर चल रही है। वर्क वालो में भी ग्राहकी है, लहरीया, चुनरी, साठ ग्राम, जोड-तोड़ की साड़ीया नेट परपीस साडि़यों की मांग है। काॅटन मालों में बेडसीट, ब्लाउज पिसों में छुटपुट मांग है।
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