ग्राहकी चली: साड़ीयों में शिफाॅन व मौस क्रेप की अच्छी मांग
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सूरत/ उम्मीद के अनुसार अक्टूबर से ग्राहकी चल है। कपड़ा बाजार समीक्षक श्री अरूण पाटोदिया ने कहा कि बाजार में राजस्थान एम.पी, यू.पी, बिहार व दिल्ली के ग्राहक बाजार में आ रहे हंै। वित्तीय संकट के चलते दुकानदार संभल-संभल कर माल माल खरीद रहे है। कपड़ा व्यवसायी श्री चम्पालाल बोथरा के अनुसार एक पखवाडे+ में तमिलनाडू की ग्राहकी अच्छी चल रही है। मदुराई, चेन्नई, तिरछी, इरोड, तिरनवेली, सेलम, नागरकोइल, तेनाकासी, वेल्लोर आदि शहरांे से सूरत में ग्राहक आए। तमिलनाडु के कपड़ा एजेण्ट श्री सुनील श्रीमाल के अनुसार ग्राहकी काफी दमदार चली। तमिलनाडु मण्डियों से कारोबार करने वाले दुकानदार खुश है। उनके पास पड़ा स्टाॅक काफी मात्रा में बिक गया है। बताया जाता है कि ट्रान्सर्पोटरांे ने तमिलनाडु की बुकिंग तक बंद कर डाली है। ट्रान्सर्पोटरों का कहना है कि जिस गति से स्थानीय गोडाउनांे में कपड़े की पार्सल आ रही है। उस गति से उनके पास ट्रकंे नहीं आ पा रही है। इस कारण गोडाउन खचाखच भर गये हैं। दूसरी ओर तमिलनाडु के गोडाउनांे से भी व्यापारी माल अपनी सुविधा अनुसार उठाते हंै। अगर दीपावली सीजन नहीं चला तो रिटर्न माल का खतरा बन सकता है।
साड़ीः स्थानीय बाजार में ठोस नेटवर्क वाले कपड़ा उत्पादकांे के यहां तो दीपावली तक का उत्पादन अभी से बुक हो गया है। युवा कपड़ा आढ़तिया श्री कृष्णा पाटोदिया के अनुसार महज अक्टूबर प्रथम सप्ताह में नामचीन व्यापारीयों ने माल की भरपूर बुकिंग कर दी। अब वे नई बुकिंग नहीं कर रहे है। उनका कहना है कि वे अपने रेगुलर व्यापारीयों को ही माल दे पायेंगे। दरअसल नित्य बदलते फैशन के दौर में कपड़ा उत्पादक यह तय नहीं कर पा रहे की उन्हंे आखिर कौन सी वैरायटी तादाद में बनानी है। व्यवसायीयों ने पचासों तरह की वैरायटी तो बना दी लेकिन देशावरी व्यापारी कौनसी वेरायटी पसंद करते हंै। इससे वे अनभिज्ञ है। अब जब व्यापारी ने जब कोई किस्म पसंद कर दी तो वो माल रेडी नहीं है। स्थिति यह है कि मिलों में भेजें तो कई सप्ताह निकल जाते हंै। यही हालात एडिशनल वर्क की है। जिसका खुदका ड्राइंग हाउस है या किसी मिल में अच्छी सेटिंग है या फिर वेल्यू एडेड वर्क की इकाई स्वयं की है। तो वह दीपावली तक भरपूर माल दे सकता है। इन दिनों 60 ग्राम शिफाॅन मौस क्रेप की साड़ीयां चल रही है। साड़ीयांे पर एम्ब्रोज वर्क से ग्रेडेशन बढ़ाया जा रहा है। इस सीजन में स्टोन वर्क जोरदार चल रहा है। स्टोन वर्क का जाॅब वर्क करने वाले खुश खुशहाल है। डाइड में इस बार चलन नहीं है जबकि प्रिन्ट साड़ीयांे पर वर्क चल रहा है। प्रिन्ट साडि़यंा 400-500 की पसंद की जा रही है। डाइड 200-2000 तक का चलन है। मौस क्रेप तथा वेटलिस्ट मीडियम रेन्ज में चल रहा है।
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