अगली छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगाः वित्तमंत्री
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नई दिल्ली/ केन्द्रीय वित्तमंत्री श्री पी चिदम्बरम ने विश्वास जताया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 की तीसरी और चैथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई है कि इस वित्तीय वर्ष में देश अभी भी सकल घरेलू उत्पाद का 5.3 प्रतिशत वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगा। यह कहना बहुत जल्दबाजी है कि वित्तीय घाटे का निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।
कमजोर राजस्व और बढ़ते खर्चों की वजह से पिछले महीने सरकार न वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.1 से बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया था।
मोबाइल फोन लाइसेंस की नीलामी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों की हिस्सेदारी में कमजोर रिस्पोंस को देखते हुए यह कहा जाने लगा है कि सरकार ने वित्तीय घाटे के जो नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, वे भी पूरी नहीं होंगे। इस पर वित्तमंत्री ने कहा है कि यह लक्ष्य पूरा होगा और अगली छमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
वित्तमंत्री ने कहा है कि अपनी 2-जी के स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी नहीं हुई है और नीलामी प्रक्रिया पूरी हो जाने पर सरकार को ठोस लाभ होगा।
अब सभी की नजर 22 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद सत्र पर है। देखना यह है कि यह सत्र सुचारू रूप से चलता है कि नहीं और इस सत्र में आर्थिक महत्व के लम्बित विधेयकों को पारित कराने में सरकार कितनी सफल होती है।
वित्तमंंत्री ने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयकों को पारित कराने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से सहयोग के लिए सम्पर्क कर रही है ताकि 4 सपताह के संसद सत्र में विधाई एजेंडे को पूरा कर सके। यह विधाई एजेंडा बहुत बड़ा है। बीमा विधेयक, बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक तथा प्रत्यक्ष कर संहिता शामिल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी सत्र में काम होगा और कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित होंगे।
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