Textile News
विकासशील देशों की प्रतिस्पर्धा के कारण भारत के वस्त्र निर्यात मेें गिरावट

Email News Print Discuss Article
Rating

नई दिल्ली/ इण्डोनेशिया, बाग्लादेश, वियतनाम, तुर्की, मैक्सिको व श्री लंका जैसे देश विश्व वस्त्र बाजार में अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराने के साथ भारत के परम्परागत बाजार में प्रवेश करने में सफल हुए हैं। भारत में अधिक उत्पादन लागत सुपुर्दगी की लम्बी अवधि तथा नई तकनीक को अपनाने में विलम्ब होने के कारण भारत से वस्त्र बाजार धीरे-धीरे छिनता जा रहा है। इण्डोनेशिया, बांग्लादेश, वियतनाम कम श्रम लागत के कारण भारत के समक्ष सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा करने में सफल हुए हैं, वहीं तुर्की, मैक्सिको जैसे देश नया ट्रेड व तकनीक को शीघ्र ही अपनाकर भारत पर बढ़त बना रहे हैं। वस्त्र उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष व एशियन अपेरल फैडरेशन के उपाध्यक्ष श्री राहुल मेहता ने कहा कि भारत व चीन जैसे देश जब तक वस्त्रों के ट्रेंड को समझ पाते हैं, तुर्की, मैक्सिको उनकी सुपुर्दगी स्थिति में प्रवेश कर जाते हैंै। भारत में ट्रेंड को समझने के साथ-साथ आदेश को पूरा करने में भी विलम्ब हो रहा है। तुर्की व मैक्सिको को अपनी भौगोलिक स्थिति का भी लाभ प्राप्त हो रहा है। यह दोनों देश एक सप्ताह के दौरान ही यूरोप को अपने उत्पादों की सुपुर्दगी दे देते हंै। परिधान व वस्त्र निर्यात आदेश की दृष्टि से भारतवर्ष की शुरूआत के साथ ही पिछड़ गया है। आमतौर पर भारतीय कंपनियों को क्रिसमस से तीन माह पूर्व आदेश प्राप्त हो जाता है तथा क्रिसमस के डेढ़ माह पूर्व सुपुर्दगी करनी होती है। काॅन्फेडरेशन आॅफ इण्डियन टेक्सटाइल इन्डस्ट्रीज के महासचिव श्री डी.के. नायर ने कहा कि इस वर्ष के दौरान निर्यात के बहुत कम आदेश प्राप्त हुए हैं तथा क्रिसमस के बाद हालात और खराब हो सकते हैं। अगस्त में निर्यात आदेश 7.2 प्रतिशत घटकर 9,890 करोड़ रूपये रह गये हैं तथा अप्रेल-अगस्त के दौरान कुल निर्यात भी 12.16 प्रतिशत घटकर 5.26 बि. डाॅलर रह गये हैं। अप्रेल-सितम्बर के दौरान देश के कुल निर्यात भी 6.7 प्रतिशत घटकर 143.6 बि. डाॅलर रह गये हैं। कुल कपड़ा निर्यात में वस्त्रों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रहती है। वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष श्री ए. शक्तिवाला ने कहा कि देश के निर्यात पर वैश्विक गिरावट का भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

                 

Reader's Comments:
Select Language :
Your Comment
Textile News Headlines
Your Ad Here
Textile Events
Textile Articles
Textile Forum
powerd by:-
Advertisement Domain Registration E-Commerce Bulk-Email Web Hosting    S.E.O. Bulk SMS Software Development Web   Development Web Design