पाकिस्तान की नजर चीन के यार्न मार्केट पर
|
|
|
नई दिल्ली/ बढ़ती लागत को देखते हुए चीन टेक्सटाइल में वेल्यू एडिशन पर ध्यान दे रहा है इसलिए चीन से यार्न उत्पादन कम कर दिया है। यही कारण है कि भारत से चीन को यार्न का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। इस समय कुल यार्न निर्यात की सर्वाधिक मात्रा चीन को निर्यात हो रही है।
यार्न में चीन की मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए इन दिनों पाकिस्तान की यार्न मिलें भी इस मौके का लाभ उठाने की तैयार में जुट गई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की यार्न मिलों ने घरेलू एवं आयातित कपास की भारी खरीद शुरू कर दी है ताकि यार्न बनाकर उसे चीन को निर्यात कर सके।
पाकिस्तान में इस बार 126 लाख गांठ कपास का उत्पादन होने का अनुमान है जो गत वर्ष के 135 लाख गांठ से कम है। पिछले सीजन में कपास का भाव कमजोर रहने की वजह से पाकिस्तान में कपास की बिजाई कम होने तथा सिंचाई के पानी की कमी होना है। सितम्बर में भारी वर्षा से फसल को नुकसान भी हुआ है।
इस बार पाकिस्तान में कपास की खपत बढ़कर 145 से 155 लाख गांठ होने का अनुमान है। साथ ही 5 लाख गांठ कपास का निर्यात होने का अनुमान है इस प्रकार पाकिस्तान की टेक्सटाइल मिलों को 15 से 20 लाख गांठ कपास का आयात करना पड़ेगा। पाकिस्तान की मिलें भारत, अमेरिका, ब्राजील एवं ग्रीस से आयात के लिए आगे के सौदे कर रही हैं। पाकिस्तान में इस समय कपास की हल्की क्वालिटी के भाव 2500/2700 रुपए प्रति ;40 किलोद्ध तथा लिंट काॅटन के भाव 5550/6000 रुपए प्रति गांठ ;एक गांठ 37.32 किलाद्ध के चल रहे हैं।
|
|
 
 
 
|