Textile News
चलती ग्राहकी को लगा ब्रेक ः सूरत उत्पादित ग्रे तेज

Email News Print Discuss Article
Rating

सूरत@ एक पखवाड़े तक बाजार में चहल-पहल रहने के पश्चात चलती ग्राहकी को यकायक ब्रेक सा लग गया है। कपड़ा बाजार समीक्षक श्री अरूण पाटोदिया के अनुसार इस बार रक्षाबन्धन की लेवाली काफी फीकी रही, महज रमजान की ही ग्राहकी नजर आई। हालांकि रमजान माह के रोजे प्रारम्भ हो जाने से लेवाली एक बारगी तो रूक गई है। लेकिन 8-10 रोजे पूर्ण होने के पश्चात ग्राहकी का एक दौर और चलने की सम्भावना है। कपड़ा व्यवसायी श्री चम्पालाल बोथरा के अनुसार एक पखवाड़े तक दक्षिण भारत की पूछपरख रहने के पश्चात लेवाली अब थम गयी है। महावीर मार्केट के साड़ी विक्रेता श्री दिलीप गोठी के अनुसार पिछले कुछ सालों से यह सिलसिला चल पड़ा है कि ग्राहकी का सप्ताह-दो सप्ताह का एक लघु दौर चलेगा और फिर कुछ महीनों के लिए लेवाली थम जाएगी। हालांकि केरल राज्य से रमजान व ओणम दोनों त्यौहारों की लेवाली अभी भी देखी जा रही है। दूसरी ओर तमिलनाडू से आडी सेल की ग्राहकी अब सूरत में थम गई है। लेकिन वहां के शहरों-कस्बों में ग्राहकी की चहल-पहल अभी भी बनी हुई है। बहरहाल एक पखवाड़े तक चली ग्राहकी में अनेकों व्यवसायियों के पास पड़ा स्टाॅक सलट गया है। इन व्यवसायियों की निगाहें अब आगामी अक्टूबर-नवम्बर की दूर्गापूजा, दशहरा एवं दीपावली आदि त्यौहारी सीजन पर है। फिर दिसम्बर में वैवाहिक सीजन का दौर प्रारम्भ होना ही है। इन दिनों सूरत उत्पादित ग्रे कपड़ा भावों में तनिक सुधार है। ग्रे कपड़ा एजेण्ट श्री अरविन्द अग्रवाल के अनुसार 60 ग्राम शिफाॅन में 3 रुपये मीटर तक भाव बढ़ गये है। 60 ग्राम पोलिस्टर 16.50 से बढ़कर 18.50 तथा रिवर्स बुट्टा जेकार्ड 39 से 40 रुपये मीटर बोला जा रहा है। ग्रे भावों में तेजी यार्न के भावों में निरन्तर बढ़ोतरी तथा कपड़ों में रमजान की लेवाली रहने से आई है। दूसरी ओर मालेगांव व भिवण्डी जैसे मुस्लिम बाहुल्य पावरलूम उत्पादन केन्द्रों में रमजान त्यौहार प्रारम्भ हो जाने से ग्रे कपड़ों के उत्पादन पर असर पड़ा है। हालांकि इन दोनों केन्द्रों में तेजी के पश्चात अब स्थिरता का वातावरण है। भिवण्डी में काॅटन, पीवी व इण्डोनेशिया, रेमण्ड काॅटन, रोटो माइक्रो आदि में अफलातून तेजी के पश्चात स्थिर पोजिशन है। यार्न भावों में 2 से 3 रुपये किलो तक की भाव वृ(ि सम्भव सूरत@ अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में पीटीए में माल के अभाव रहने से चिप्स प्लाण्टों में आपूर्ति कम मात्रा में हो रही है। परिणामस्वरूप 73 रुपये किलो की चिप्स अब 80 रुपये किलो बोली जा रही है। यही वजह है कि फ्रंट लाइन स्पिनर हर बार भाव बढ़ाते जा रहे है। कुछ दिनों पूर्व इन स्पिनरों ने पूर्व में घोषित 3 रुपये किलो की छूट को न बल्कि वापस ले ली अपितु एक रुपया किलो की नई भाव वृ(ि भी कर दी है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अगस्त माह के सेल में स्पिनर 2 से 3 रुपये किलो की बढ़ोतरी कर सकते है। टेक्सच्राइजिंग उद्योग से जुड़े श्री सुरेश बाफना के अनुसार ब्राइट यार्न में शाॅर्टेज है। एक अन्य यार्न उत्पादक श्री अरूण हरलालका का कहना है कि यार्न में ब्राजील, पेरू, उरूग्वे, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि देशों से पूछपरख देखी जा रही है। दूसरी ओर डाॅलर 55.50 से 56 रुपये के बीच स्थिर है व अमेरिकन क्रूड 8 प्रतिशत व ब्रण्ट क्रूड के भाव 103 डाॅलर प्रति बेरल के इर्द-गिर्द चल रहे हैं जो कि पहले के मुकाबले घटे है। यार्न बाजार में वित्तीय संकट बना हुआ है। अकाल की मार ग्राहकी पर वार इस बार देशभर में बारिश काफी कम मात्रा में हुई है इससे अकाल का खतरा मंडराने लग गया है। एक दृष्टि से सुखे के हालात बन गये हंै। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात आदि कई राज्यों में तो औसत से भी कम बारिश हुई है। एक सर्वेक्षण के अनुसार इस बार 22 प्रतिशत मानसून कमजोर है। इन हालातों में अनाज, दालें, चीनी आदि के भाव वायदा बाजार में उछल गये हंै। वायदा बाजार में गेहुं 30 प्रतिशत, चीनी 20 प्रतिशत, चना 30 प्रतिशत, मक्का 50 व हल्दी 70 प्रतिशत तक की तेजी है। कपड़े में ग्राहकी कमजोर पड़ने के पीछे एक कारण अकाल की आशंका भी है।

                 

Reader's Comments:
Select Language :
Your Comment
Textile News Headlines
Your Ad Here
Textile Events
Textile Articles
Textile Forum
powerd by:-
Advertisement Domain Registration E-Commerce Bulk-Email Web Hosting    S.E.O. Bulk SMS Software Development Web   Development Web Design