ग्राहकी हुई मंदः यूनिफाॅर्म में सीता काॅटेज की अच्छी डिमाण्ड
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कोलकाता/ रिटेल में ग्राहकी धीमी पड़ने से टेक्सटाइल उद्योग में अल्पविराम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ज्यादा कठिनाई इस वक्त रिटेलर को हो रही है। मौसम बदलते ही जो ग्राहकी निकली थी वो रूक-रूक कर मंद गति से चल रही है। रिटेलर काफी सोच समझकर सीमित खरीददार कर रहे हंै। इस समय व्यापारियों को एक अच्छी ग्राहकी की प्रतिक्षा है।
साड़ी लेडीज सूट और ड्रेस मटेरीयल में वैवाहिक सीजन के अवसर पर अच्छी मांग की उम्मीद थी जो अभी भी नहीं दिख रही है। गारमेण्ट की धीमी ग्राहकी के चलते होलसेल बाजार में मंदी नजर आ रही है।
स्पोर्ट सीजन के चलते केप मटेरियल की अच्छी मांग है, लेकिन केप उत्पादक एक रेन्ज के अन्दर कपड़ा खरीद रहे हैं। सिन्थेटिक में और लायक्रा में आगे कारोबार सुधरने का अनुमान है। थोडी सीजनल आईटमों की ग्राहकी भी बाजार मेंं रौनक ला सकती है।
अगले पखवाड़े मेंे कपड़ा बाजार में हल्की खरीददारी भी देखी जा सकती है। रेडीमेड में कुछ आॅर्डर निकलने की आशा पर सीमित खरीददारी सिन्थेटिक में हो रही है। यहां दामों ;रेटोंद्ध का फैक्टर अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। दाम घटने की उम्मीद में कारोबारी कम माल बुक करा रहे हैं। लेकिन उत्पादन के मुकाबले सप्लाई कम होने की वजह से कुछ आइटमों के दाम घटने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
स्कूल यूनिफाॅर्म में अभी एक बडे+ आॅर्डर की आपूर्ती शेष हुई है कि और कई बडे+ आॅर्डर की उम्मीद लगी हुई है। स्टील ग्रे के बाद एक बार फिर नेवी ब्लू कलर के माल की मांग बनी हुई है। गोरखपुर के अग्रणी यूनिफाॅर्म निर्माता सीता काॅटेज इण्डस्ट्रीज के ट्रोविन 290 ग्राम क्वालिटी के गोल्ड माल की मांग बरकरार है। इस विषय में यहां के सोल एजेण्ट श्री ललित त्रिवेदी ने बताया कि सुल्जर लूूम के गोल्ड माल की आपूर्ति सही हुई है।
थोक में यूनिफाॅर्म बनाने वाले को अच्छे आॅर्डर मिल रहे हैं। और क्वालिटी एक समान आने की वजह से गोल्ड की डिमाण्ड बरकरार रही है। आगे सीजन में यह क्वालिटी की मांग बढ़ने की पूरी सम्भावना है। वैसे भी यूनिफाॅर्म में माल की खपत लगातार रही है। लेकिन एक तरह से एक के बाद एक आॅर्डर निकल रहे हैं और उत्पादन खर्च में कमी आने की कोई सम्भावना नहीं दिख रही है।
डेनिम की मांग के अब जीन्स में लायक्रा की मांग भी अब धीरे-धीरे बढ़ रही है। आगे लायक्रा जिन्स का टेªड बनता हुआ नजर आ रहा है। अगले महिने कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे। टेक्सटाइल उद्योग का आधार आने वाली कपड़ा नीति पर काफी निर्भर करता है। बदलते मौसम के साथ सर्दी के कपड़ों की खरीददारी हुई है। आगे लुधियाना और अमृतसर मण्डी के मालों की मांग बढ़ सकती है। कम से कम यह उम्मीद जरूर है कि पिछले पखवाड़े से आने वाले चार से छह सप्ताह कपड़ा व्यापार के लिए काफी अच्छे होंगें।
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