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वूलन बाजार में बढ़ते भाव से खरीदारी प्रभावित

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मेरठ/ कपड़ा बाजार में बदलते मौसम को देख वूलन में मांग होने लगी है। वूलन मालों में आई भाव की तेजी से ग्राहकी कुछ सुस्त है पर जैसे-जैसे सर्दी तेज होने लगेगी खरीद में भी इजाफा होने लगेगा। व्यापारिक सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि रूई की पैदावार कम होने से बाजारों में रूई का अभाव है। जिसके कारण रूई से बनने वाले सभी काॅटन कपड़े व रजाई गद्दे महंगे हो रहे हैं। ऐसे मेंे ग्राहक दुकानदारों पर भाव मंे मंदी का प्रभाव बना रहा है। वहीं दूसरी तरफ महंगे होते वूलन ने भी बाजारों पर पूर्णरूप से अपनी पकड़ नहीं बना पायी है। वूलन बाजार जो मेरठ में हर साल तिब्बतियों द्वारा लगाया जाता है, बहुत चलता है। पर इसे भी लगे कम से कम एक सप्ताहभर हो चला है। पर यहां भी ग्रााहकी 10 से 15 प्रतिशत ही चल रही है। जो वूलन पिछले साल तक 300 से 350 रूपये में खरीदा जा रहा था वह अब 450/650 रूपए तक बिक्री में है। तो ऐसे में ग्राहक बहुत सोच समझ कर जरूरत के अनुसार ही खरीद रहा है। वहीं लालकुर्ती, पेंट एरिए में भी जो इसी तिब्बती बाजार के बगल में है, में भी वूलन के रेटों में 50 से 100 रूपए का इजाफा पर पीस पर दिख रहा है। वूलन में भी इन दिनों रेडीमेड वूलन को हर वर्ग का व्यक्ति पसंद कर रहा है क्यांेकि समय के अभाव के कारण अब हाथों से बुनकर कोई नहीं पहनता है, जिन्हें इनका शौक भी होता है वो भी बाजारों से हाथों से बने स्वेटर, जर्सी खरीद लेते हंै। ये थोड़े महंगे जरूर मिलते हंै मगर मनभावन रहते हैं। इन दिनों युवाओं में जैकेट, कैप जैकेट, फ्लोवर व अन्य वूलन का क्रेज बढ़ रहा है। ये इनमें डिजाइनर वूलन को पसंद करते हैं। चाहे उसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। वहीं दुकानदार भी युवावर्ग के लिए एक से एक नए कलेक्शन ला रहे हंै। कुल मिलाकर वूलन में पूछ-परख व खरीद धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है। महिला वर्ग में वूलन में भी वूलन का भी क्रेज उत्साह उतना ही है जितना और कपड़ों में होता है। जैसे गर्मियों में उन्हें नए-नए डिजाइन कपडे+ चाहिये होते हंै। वैसे ही अब सर्दियों में भी चाहिये गरम सूट, शाॅल, स्टाॅल, लेंगिग-कुत्र्ती, टाॅप, कुत्र्ती-टाॅप, स्कार्फ, कैप आदि की इन दिनों मांग निकल चली है। लेंगिग 300/350 रूपए, कुत्र्ती 375/1200 रूपए, शाॅल, स्टाॅल 190 रूपए से 575 रूपए, कुत्र्ती टाॅप 100/500/700 रुपए, गरम सूट 250/1550 रूपए की खरीद में बने हुए हैं। बच्चों के वूलन की मांग तो काफी दिनों पहले ही शुरू हो गयी थी। अभी भी सबसे ज्यादा धमाल पर चल रही है। बच्चों के सूट, जैकेट, केप आदि सभी उसी दाम पर मिल रहे हैं, जिस दाम पर बड़ों के मिल रहे हंै मगर इनकी खरीद में इजाफा बना हुआ हैं।

                 

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