मिक्स एण्ड मैच की अच्छी डिमाण्डः पानीपत में आइटमों में पूछपरख
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इन्दौर/ दीपावली के बाद थोक कपड़ा बाजार में बिक्री लक्ष्य से भटक गई है और सिस्टमेटिक लिक्विडिटी की आवक कमजोर रहने से मुश्किलें बढ़ रही है। यदि बिक्री में जोरदार सुधार नहीं होता है तो व्यापारियों को सीजन परेशान कर सकता है। इस समय थोक व्यापारियों को धन्धे का रूख पता नहीं चल पा रहा है, जबकि प्रमुख उत्पादक मण्डियां सूरत, मुम्बई में माल का भारी जमावड़ा नहीं है। उत्पादक मण्डियों में दीपावली की जोरदार बिक्री से उनको राहत जरूर मिल गई, परन्तु अब व्यापारी स्टाॅक एकत्रित करने में रूचि कम ले रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार देव उठनी ग्यारस से विवाह संस्कार आरम्भ हो गए हंै। लग्नसरा के वर्तमान सीजन में अनुमान से कम बिक्री होने की संभावना है। व्यापारियों के अनुसार 14 दिसम्बर से मलमास लग जाएगा। स्टाॅककिस्टों के अनुसार अब ज्यादा से ज्यादा 10 दिनों की और बिक्री का अनुमान है। 14 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मलमास में बिक्री लगातार ही कमजोर ही बनी रहती है और इस बार की आपाधापी से थोक व्यापारी भारी असमंजस की स्थिति से गुजर रहा है। यह स्थिति दीपावली के विलम्ब के आने के कारण हुई इसका सबसे ज्यादा फायदा गारमेण्ट विक्रेताओं को मिला, उनकी दीपावली के अवसर पर जोरदार बिक्री अभियान चला जो उनके अनुमान से ज्यादा था। इससे स्थानीय थोक गारमेण्ट निर्माताओं को बहुत फायदा हो रहा हंै।
सूटिंग की ग्राहकी अभी भी कमजोर रूख प्रदर्शित कर रही है। भीलवाड़ा का सिन्थेटिक सूटिंग थोक गारमेण्ट निर्माता नहीं पकड़ रहे हंै। इन्दौर के गारमेण्ट निर्माता साउथ इण्डिया में ही बड़ी सप्लाई करते हंै, इस समय निर्माता वर्ग काॅटन क्वालिटीयां ही काट रहे हंै। सिन्थेटिक क्वालिटीयां तो स्कूल यूनिफाॅर्म में ही कटती है, इस विचित्र स्थिति के कारण भीलवाड़ा सिन्थेटिक सूटिंग्स को बड़ा झटका लगा है और थोक कपड़ा बाजार के सिन्थेटिक सूटिंग विक्रेताओं की नई खरीदी भी कम हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है भीलवाड़ा का सिन्थेटिक सूटिंग्स अब मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की आइटम बनकर रह गया हैं। चंूकि अभी ग्रामीण क्षेत्र का कारोबार कमजोर चल रहा है। इस कारण भीलवाड़ा का सिन्थेटिक सूटिंग सीजनल आइटम बनकर रह गया है शहरी लोग ब्राण्डेड क्वालिटीयों को ही ज्यादा पसंद करते है इस कारण तमाम स्टैण्डर्ड मिलों का माल खप जाता है। इस बार भीलवाड़ा के सिन्थेटिक सूटिंग की बिक्री 40 फीसदी तक कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि तमाम काॅटन सूटिंग क्वालिटीयां रिकाॅर्ड बिक्री के आसार की बदौलत और मांग बढ़ने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।
मिक्स एण्ड मैच पेण्ट शर्ट जोड़ों में अरिहन्त ट्रेडर्स उज्जैन की ‘प्रकाश प्रीमियम’ जोड़ा नई पैकिंग में पसंद किया जा रहा है। स्थानीय शर्ट पीस निर्माताओं की बिक्री लगातार कमजोर बनी हुई है, उसका मुुख्य कारण मुम्बई-सूरत के निर्माताओं की पैकिंग स्टाईल ने स्थानीय शर्ट पीस निर्माताओं को भारी नुकसान पहुंचाया है। दिसावरों से भी इनकी खरीदी बहुत कम आ रही है, जबकि चारों तरफ पैकिंग एवं ब्राण्ड इमेज छाता जा रहा है। इस बार स्थानीय शर्ट पीस निर्माताओं की स्थिति बहुत खराब हो गयी है। दिसावरों के बड़े व्यापारियों ने इनको आॅर्डर देना ही बन्द कर दिए हैं। शर्टिंग में टाण्डा की क्वालिटीयां भी चल रही है। मुम्बई की प्रमुख स्टैण्डर्ड शर्टिंग यूनिटें जालान सिल्क मिल्स प्रा.लि. एव श्री सैफराॅन फैब्रिक्स प्रा.लि. की क्वालिटीयां से उपभोक्ता वर्ग बेहद सन्तुष्ट है इनके डीलर वर्ग अच्छा माल बेचकर खुश है। जालान एवं सैफराॅन की बिक्री में तेजी आती जा रही है।
इन्दौर साड़ी और सलवार सूट बाजार में अनुमान से कम बिक्री की स्थिति में है। साडि़यों और सूटों में स्टाॅक की भी कमी है। सूरत से अभी माल उतरना शुरू ही हुआ है। सूरत में दीपावली की जोरदार बिक्री से निर्माताओं के पास रखा स्टाॅक पूरी तरह ही खत्म हो गया है। दीपावली के पहले तक तो बिक्री लगातार कमजोर बनी हुई थी, उस समय सूरत में स्टाॅक भी अच्छा था। इस समय सूरत में स्टाॅक की कमी महसूस की जा रही है। थोक कपड़ा बाजार में लग्नसरा की ग्राहकी अभी भी अनुमान से कम है। विशेषज्ञों के अनुसार आजकल साडियों में लग्नसरा की आइटमों किराए से मिलने के कारण अच्छी क्वालिटीयों की बिक्री प्रभावित हुई है। बाजार में सब कुछ किराए पर उपलब्ध है। निकट भविष्य में यह पेटर्न ही चलता रहेगा। पानीपत के गुदड़ इस बार रजाईयों पर हावी है, इन रंग-बिरंगी गुदड़ों के कारण रजाईयों की बिक्री पिछले साल मुकाबले करीब 50 फीसदी तक कम रहने का अनुमान है। इसका असर ग्रे मारकीन एवं फलालेन पर भी झलका है। जबकि काॅटन की अन्य क्वालिटीयां चादरें, बेडशीट, टाॅविल की बिक्री अनुमान से 25 प्रतिशत अधिक हैं। पेटीकोट रूबिया में मांग आशानुरूप है। सूरत में दीवाला निकालने वालों का माहौल इस बार ठण्डा रहा।
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