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रूई की आवक सुधरीः निर्यात बढ़ाने की कवायद

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मुंबई/ रूई में स्पिनिंग मिलों की खरीदी कमजोर है। सीसीआई ने आंध्रप्रदेश में अपनी खरीदी तेज कर दी है। अब तक में 5.43 लाख गांठ रूई की खरीदी किये जाने के समाचार मिले हंै। सभी केंद्रांे को मिलाकर कुल आवक 42 लाख गांठ से अधिक हो चुकी है, जो गत सीजन की तुलना में करीब 17 प्रतिशत कम है। भारत को छोड़कर वैश्विक बाजार में अन्य देशों में रूई की पैदावार अच्छी होने की खबरें मिल रही है। एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान, चीन और अमेरिका में रूई की फसल अच्छी है। वैश्विक उपज 1525 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रूई की आवक पहले से सुधरी है और बाजार में दैनिक आवक 1.50 लाख गांठ से अधिक हो गई है। नाॅर्थ एवं गुजरात में भी आवक बढ़ी है। बाजार में आ रही रूई की क्वालिटी को लेकर असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्रप्रदेश, मराठवाड़ा और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में कमजोर गुणवत्ता की रूई बाजार में आ रही है। गुजरात में रूई का उत्पादन करीब 33 प्रतिशत कम हैं, सिर्फ आंध्रप्रदेश में उत्पादन गत वर्ष से अच्छा बताया जा रहा है। कुल मिलाकर देश में रूई का उत्पादन चालू सीजन में गत सीजन की तुलना में 15 से 20 लाख गांठ कम होने का अनुमान है। सरकारी एजेंसियों के बाजार में सक्रिय हो जाने से किसानों की घबराहट में माल बेचने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग गया है। ऐसी खबरें मिल रही है कि कुछ राज्यों की रूई पडौसी राज्यों की ओर मुनाफे के कारण जा रही है, तथापि न्यूनतम समर्थन भाव पर एजेंसियों द्वारा करीब 20.74 लाख क्विंटल रूई की खरीदी की गई है। मध्यम रेशे की रूई का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 3600 रूपये है, जबकि लंबे रेशे की रूई का 3900 रूपये हंै। निर्यात मांग गत सीजन की तुलना में कम है। जनवरी में चीन का आयात कोटा कितना घोषित किया जाता है, उस पर निर्यात कामकाज आधारित है। यद्यपि रूई के निर्यात संबंधित नियमों को हल्का करने से निर्यात के बढ़ने की संभावना है। डीजीएफटी ने एक साथ रूई निर्यात की सीमा को तीन गुना बढ़ा 30 हजार गांठ कर दी है। राजकोट सहित तीन नये रजिस्ट्रेशन सेंटर खुले हैं। नये निर्यातक भी रूई का निर्यात कर सकेंगे, जबकि पूर्व में जिन्होंने निर्यात किया है, ऐसे ही निर्यातकों को निर्यात करने की छूट थी। रूई का नई सीजन शुरू हुए दो महीने हो चुके हैं और अब तक 15 लाख गांठ रूई के निर्यात सौदे होने की जानकारी मिली है। जबकि डीजीएफटी के समझ सिर्फ 7.50 लाख गांठ रूई शिपमेंट के लिए दर्ज की गई है। हाजिर बाजार में गुजरात संकर 4 रूई के अच्छे माल का भाव 33600 से 33700 रूपये, मीडियम ग्रेड की रूई का 32500 से 32600 रूपये और कल्याण रूई का 29500 से 30,000 रूपये प्रति खंडी के आसपास रहे हैं। महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश की किस्मों के भाव 32000 से 33500 रूपये प्रति खंडी के बीच रहे है। दक्षिण की किस्मों में आदिलाबाद के भाव 33500 से 34000 रूपये, गुंटूर की किस्म का 34000 से 34300 रूपये और वारंगल किस्मों के भाव 34000 से 34500 रूपये रहे हंै। नाॅर्थ की ओर पंजाब रूई का भाव प्रति मन 3500 से 3550, हरियाणा का 3440 से 3430 रूपये रहे हंै।

                 

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