सूती यार्न में कोर्स, मीडियम और फाइनर काउंट के भाव बढे
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मुंबई@ यार्न बाजार मंे सुधार आ गया है। हालांकि बाजार में यार्न की मांग अभी बहुत अच्छी नहीं है, परंतु उत्पादन स्तर पर यार्न में कमी एवं बुनकरों की लेवाली निकलने एवं कच्चे माल की तंगी से यार्न की कई किस्मों में सुधार देखा गया है। स्थानीय बाजार में सूती यार्न, पीवी यार्न, पीसी यार्न के भाव सुधर कर बोले गए हैं। भिवंडी, मालेगांव और इचलकरंजी जैसे ग्रे कपड़ा उत्पादन केंद्रों पर यार्न की लेवाली को समर्थन मिल रहा है।
वैश्विक बाजार में यार्न में इस्तेमाल होते कच्चे माल यानी पीटीए एवं एमईजी के भाव फिर से ऊंचे हो गए हैं, जिसके कारण इनका आयात घट गया है। ऐसी स्थिति में उत्पादन स्तर को बनाए रखने के लिए स्पिनरों को बढ़ी लागत निकालने के लिए भाव बढ़ाने पड़ सकते हैं। अभी यार्न में निर्यात कमजोर है उल्टे काॅटन यार्न का निर्यात बडे पैमाने पर किए जाने के भी समाचार मिल रहे हैं, बावजूद इसके अक्टूबर अथवा नवम्बर से यार्न के निर्यात बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बाजार सूत्रों के अनुसार फिलहाल यार्न एवं कपड़ा दोनों का निर्यात बाजार ठंडा है। स्थानीय बाजार में भी जिस तरह का उठाव होना चाहिए, वैसा नहीं है। परंतु दक्षिण भारत की स्पिनिंग मिलों में सूती यार्न का उत्पादन कम है और इसके फलस्वरूप सूती यार्न में कोर्स काउंट के यार्न में 2 रूपये, मीडियम काउंट में 1 रूपये और फाइनर काउंट में 3 से 4 रूपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। इतना ही नहीं हाई ट्वीस्ट यार्न के भाव प्रति किलो 25 से 30 रू तक बढे+ हैं।
त्यौहारी सीजन के कारण यार्न की मांग में सुधार आया है। बाजार में 80 रोटों का भाव बढ़कर 117 रूपये, 80@72 माइक्रो रोटो का 118 रूपये, 80@108 का 120 रूपये तथा 80 जीएफटी का 117 रूपये रहा है। इसी तरह काॅटन यार्न में 40 काॅर्डेड का बढ़कर 215 रूपये, 42 काॅर्डेड वार्प का 1200 से 1220 रूपये, 60 काॅर्डेड वेट का 1230 से 1280 रूपये रहा है।
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