शुरू होने लगी साइजिंग यूनिट्स कपडे+ के भाव बढ़ने की सम्भावना
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इचलकरंजी/ दीपावली छुट्टियों के बाद अभी भी स्थानीय टेक्सटाइल इण्डस्ट्री पूरी क्षमता से शुरू नहीं हुई है। हर साल दीपावली त्यौंहार के पश्चात् तुरन्त पावरलूम्स के कारखाने शुरू हो जाते थे, लेकिन इस साल सायजिंग कामगारों के दीपावली बोनस के मसले पर हल न निकलने से तथा बाजारों में आर्थिक तंगी और कामगारों की कमी के कारण अब तक 60.70 प्रतिशत पावरलूम्स कारखाने शुरू हुए हंै।
दीपावली के पहले से सायजिंग कामगारों ने बोनस के विषय को लेकर काम बन्द आन्दोलन छेड़ा था। इस आन्दोलन के दौरान सायजिंग एसोसिएशन तथा सायजिंग, वार्पिंग कामगारों के संगठनों में समझौता कराने हेतु प्रांताधिकारी कार्यालय, सहायक कामगार आयुक्त ने काफी प्रयास किये, लेकिन कुछ हल निकला नहीं। फिर भी 27 नवम्बर को बुलायी गयी संयुक्त मीटिंग में प्रान्ताधिकारी ने दोनांे संगठनों के अन्तिम चेतावनी दी कि किसी भी हालत में इस मीटिंग में सन्तोषजनक हल निकालना चाहिये, अगर नहीं निकला तो प्रशासन अपना फैसला सुनवायेगा उसे दोनांे तरफ से अमल करना होगा। प्रान्ताधिकारी ने ऐसी गम्भीर भूमिका होने से मीटिंग में सकारात्मक चर्चा शुरू हो गयी। आखिर सायजिंग एसोसिएशन और कामगार संगठनों के बीच समझौता हुआ। इसके बाद तैयार किये गये समझौते मसौदे पर सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मान्यता स्वरूप हस्ताक्षर किये। इस मसौदे में कामगारों को तय हुआ बोनस का हिसाब देकर तुरन्त सायजिंग कारखाने शुरू करने का निर्देश दिया गया। लेकिन अभी भी 25-30 प्रतिशत सायजिंग कारखाने शुरू हो पायी है। बाकी सायजिंग के कामगारों ने बोनस लेने से इन्कार कर दिया है। उन्हांेने इस समझौते पर नाराजगी जतायी है। हाल में जो पावरलूम कारखाने शुरू हो चुके हंै, वह सायजिंग बन्द के कारण फिर से बन्द पड़ने की चिन्ता पावरलूम धारकों में देखी जा रही है।
इस कारण से स्थानीय सूत बाजार में ग्राहकी कम रहने से यार्न रेट्स स्थिर है। सर्दी का मौसम चलने से दिसावरी बाजारों में कपड़ा व्यापारियों में गर्म कपडे+ पर लक्ष्य केन्द्रित किया है। हाल में सर्दी के मौसम की ग्राहकी अच्छी चल रही है। इस गर्म कपड़ों की तुलना में अन्य मालों में ग्राहकी कमजोर है। हाल ही में सूत बाजार स्थिर है, लेकिन अन्य उत्पाद खर्चें भारी मात्रा में बढ़े हुए हैं। इसके चलते कपड़ों के भाव और बढ़ने की संभावना है।
इस साल महाराष्ट्र में रुई उत्पादन क्षेत्र 30 प्रतिशत से ज्यादा घटने का अनुमान राज्य के अधिकृत सूत्रों ने लगाया है। हाल ही में काॅटन यार्न की ग्राहकी कम है, लेकिन दिसम्बर के दूसरे-तीसरे सप्ताह के बाद कपड़ा उत्पादन बढ़ने से काॅटन यार्न की ग्राहकी निश्चित रुप से बढ़ेगी। पूरे देशभर में कपास का उत्पादन कम रहने का अनुुमान है, जो कि अन्य देशों में कपास की पैदावार अच्छी होने से शायद भारत का कपास निर्यात कम हो सकता है। लेकिन जानकारों का अनुमान है कि अन्य देश कपास आयात से ज्यादा काॅटर्न यार्न आयात करना पसंद कर रहे हैं। अगर भारत से काॅटन यार्न निर्यात हो जाए तो काॅटन यार्न के भाव बढ़कर रहेंगे।
दीपावली की ग्राहकी सन्तोषजनक रही, अब वैवाहिक सीजन में भी शर्टिंग सूटिंग के साथ लेटेस्ट डिजाइन की साडि़यां तथा सलवार कुर्ता की लेवाली बरकरार रहेगी। रेडीमेड गारमेण्ट के प्रसि( उद्यमी ओम क्रिएशन के श्री लक्षमण मलकापूरे ने टेक्सटाइल मिरर परिवार एवं व्यापारी और ग्राहकों को नये साल की शुभकामना देते हुए कहा कि, आजकल ग्राहकों की पसंद तथा लेटेस्ट फैशन का अध्ययन करना जरूरी हो गया है। क्योंकि कपड़ा बाजारों में ग्राहक अपनी जरूरत से ज्यादा नई डिजाइन तथा नई फैशन के कपडे+ खरीदना ज्यादा पसंद करते हंै। इसी नये ट्रेड को मद्देनजर रखकर कपड़ा उत्पादकों को और रेडीमेड गारमेण्ट उद्यमियों को ग्राहकों के पसंदी को प्राथमिकता देेते हुये लेटेस्ट फैशन, लेटेस्ट डिजाइन्स तथा बेहतरीन कलर शेड्स के कपड़े उत्पादन कराना जरूरी हो गया है। ऊंचे वर्ग के ग्राहक एवं अफसर लोग फाॅर्मल तथा 100 प्रतिशत काॅटन के कपड़ों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसलिए हम ग्राहकों को हमेशा कुछ नया और बेहतरीन देने का प्रयास करते हैं।
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