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अच्छी ग्राहकी ने दिया उत्साह का संचार

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कानपुर/ प्राप्त जानकारी के अनुसार चीन में बनने वाले कपड़े का मेन्युफैक्चरिंग लेबल 10 प्रतिशत ही रह गया है। जो कि इण्डिया के मेन्युफैक्चरिंग लेवल 25 प्रतिशत के बराबर है। भारत देश में मेन्युफैक्चरिंग लेवल पाली-बालोतरा था। फिर भीलवाड़ा में कम हुआ है। जो कि 40 प्रतिशत है। चीन की तुलना में हम आज 15 प्रतिशत ज्यादा है। चीन के बड़े कपड़े के उद्योगपति अपना प्राॅडक्शन हाउस बंाग्लादेश में लगाने का प्रोग्राम कर रहे हैं। जिसकी इजाजत बाग्ंलादेश सरकार ने दे दी है, सो काम चालुु होने का लगभग एक साल का समय लगेगा। चीन सरकार का पूरा ध्यान टेक्नोलाॅजी को बढ़ावा देने पर है, सो जब तक वह कपडे+ उद्योग को विशेष रियायत नहीं देती है। तब तक चीन में भी मेन्युफैक्चरिंग लेवल बढ़ने की सम्भावना कम लगती है। सो भारतीय उद्योगपतियों के पास यूरोप, रशिया, दुबई के द्वारा ग्राफ एरिया जो कि पिछले कई साल से भारतीय एक्सपोर्टरों को आशा अनुरूप नहीं चल रहा था। उसमें अचानक वृ(ि होने की सम्भावना है। आज रशिया मार्केट में भारतीय साड़ी की डिमाण्ड बढ़ना भारतीय वस्त्र के लिए अच्छी है। दीपावली खुलते ही कानपुर बाजार में जबरदस्त काम निकला जिसके कारण व्यापारियों के लिए आॅक्सीजन का काम किया। डध्ै छंतमेी ज्तंकपदह बवण् ;चद्ध स्जकण् ने ग्रेवियरा को जबरदस्त बुकिंग देकर अपने पुत्र श्री आदित्य शर्मा को कपड़े के होलसेल व्यवसाय में उतारा। पिता की तर्ज पर बेटा भी उसी काम में आने से दूसरे व्यापारियों को भी सीख मिलेगी, जो कपड़े के काम को बेकार मानते हुए अपनी अगली पीढ़ी को इस काम में नहीं उतार रहे हैं।

                 

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