टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट उद्योग के बजट पूर्व ज्ञापन पर चर्चा
कपड़ा उद्योग महासंघ के चैयरमेन केन्द्रीय वित्त मंत्री से शीघ्र मिलेंगे
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नई दिल्ली/ टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट उद्योग द्वारा केन्द्र सरकार को दिए गए बजट पूर्व ज्ञापन पर चर्चा के लिए कपड़ा उद्योग महासंघ के चैयरमेन श्री वी अनरुंगम शीघ्र ही केन्द्रीय वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम् से मिलेंगे। कपड़ा उद्योग महासंघ ने सरकार से टेक्सटाइल उत्पादों पर वैकल्पिक शुल्क व्यवस्था जारी रखने का अनुरोध किया है और साथ ही मांग की है कि गारमेण्ट को भी इस व्यवस्था में लाया जाए।
टेक्सटाइल उद्योग महासंघ ने मानवनिर्मित फाईबर ;मेनमेड फाइबरद्ध और इसके कच्चे माल पर उत्पाद शुल्क 12 से घटाकर 8 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा कपड़ा उद्योग महासंघ ने वित्त मंत्री ने अनुरोध किया है कि वर्ष 2012-13 के बजट में मेनमेड फाइबर पर कस्टम ड्यूटी एवं विशेष अतिरिक्त शुल्क ;एसएडीद्ध समाप्त किया जाए तथा संचित एसएडी को रिफंड किया जाए। टिटानियम डायोक्साइड एवं स्पिन फिनिश आॅयल पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाए। इस समय इन पर क्रमशः 10 व 7.5 प्रतिशत ड्यूटी है। सेवा कर के लिए छूट सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख किया जाए तथा सेवाकर की दर वर्तमान 15 से घटाकर 10 प्रतिशत की जाए। विंड मिलों के लिए 80 प्रतिशत त्वरित मूल्य ह्यास बहाल किया जाए। इसे अप्रैल 2012 से 15 प्रतिशत किया गया था। अधिकांश विंड मिलें टेक्सटाइल उद्योग को सेवा देती हैं। खासकर तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में जहां बिजली की समस्या है।
निर्यात मूलक टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए निर्यात क्रेडिट की उधारी दर ब्याज के मामले में प्राथमिकता वाले क्षेत्र की भांति की जाए। टेक्सटाइल का 35 प्रतिशत उत्पादन निर्यात किया जाता है।
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