देहली हिन्दुस्तानी मर्केन्टाइल एसोसिएशन का बजटपूर्ण ज्ञापन
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नई दिल्ली/ थोक वस्त्र व्यापारियों की प्राचीनतम एसोसिएशन देहली हिन्दुस्तानी मर्केन्टाइल एसोसिएशन वित्तमंत्री श्री पी.चिदम्बरम को बजटपूर्ण ज्ञापन सौंपा जिसमें ः-
इन्कम टेक्स में रूपए 5 लाख तक की छूट दी जानी चाहिए,
80 सी की सीमा को बढ़ाकर रूपए 2 लाख होनी चाहिए,
80 डी में पेरेण्ट्स के इलाज के लिए विशेष छूट 50 हजार की जानी चाहिए,
धार्मिक, संस्थाओं, एनजिओ, नाॅन प्राॅफ्रिण्डेवल इन्स्टीट्यूशन आदि जनता की सेवा के लिए एम्बुलेंस वाहन या इसी तरह की काम में आने वाली गाडि़यों को सभी तरह के टेक्स से मुक्त किया जाए। एम्बुलेंस, होर्स वैन, शव वाहन इसी तरह के अन्य वाहन खरीदते समय टेक्स फ्री होने चाहिए।
धार्मिक देव स्थान को एमएमटीसी जैसे अधिकार दे, जिससे वो प्योर गोल्ड बेच सके और देश के बाहर से इन्पोर्ट करने में कमी आये,
चीन के एक्सपोर्ट का मुकाबला करने के लिए पाॅलिएश्टर फाइबर पर उत्पाद कर घटाई जाए, जिससे की सिन्थेटिक गारमेण्ट्स का एक्सपोर्ट्स बढ़ सके।
सरकार की एक वाॅलिएण्टरी डिस्क्लोजर स्कीम निकालनी चाहिए, जिससे कि अनएकाउण्टेेड रूपया देश के विकास में काम आए। इसमें प्रत्येक भारतीय नागरीक को अपनी अनएकाउण्टेड ब्लेकमनी को व्हाइट करने का मौका मिले और इसमें सरकारी कर्मचारी परिवार भी शामिल हो,
केन्द्र सरकार की सेलटेक्स व वेट व्यवस्था को कपड़े से समाप्त करने के लिए पुनः एडीशन एक्साईज ड्यूटी वैट के बदले में लगाई जानी चाहिए, जिससे देश को इन्टरनल व्यापार बिना किसी भी रूकावट के चल सके। सरकार को टेक्स मिलेगा, व्यापार-व्यापारी को शान्ति।
खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लागू करने के बाद सरकार को देशी उद्योग व व्यापार की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।
देश के सबसे बड़ा कपड़ा उद्योग व गारमेण्ट उद्योग को एक्साईज ड्यूटी व सर्विस टेक्स में छूट मिलनी चाहिए।
भारत सरकार की ड्यूटी फ्री गारमेण्ट के आयात को तुरन्त प्रभाव से रोकना चाहिए। बांग्लादेश से आने वाले इस तरह के गारमेण्ट ने अनब्रेण्डेड गारमेण्ट मार्केट पर हमला बोल दिया है, जिससे अनेक छोटी-छोटी इकाइयां बन्द हो गयी है। इत्यादि सूझावों को शामिल किया गया है।
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