ठण्ड बढ़ने से गर्म मालों का स्टाॅक खाली
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पिलखुवा/ आलोच्य सप्ताह मंे सूत का उठाव कम होने से कपड़े का उत्पादन काफी घट गया है। कड़ाके की सर्दी पड़ने के साथ ही रंगाई छपाई उद्योग मंे भी कामकाज कम ही हो रहा है। दुकानांे पर तैयार माल के ग्राहक काफी कम हो गये हैं। थोक का काम करने वाले दुकानदारांे के यहाॅं भी गर्म माल का स्टाॅक काफी कम हो गया है। पंजाब से यहां आकर के बिकने वाले महिला स्टाल की बिक्री बहुत जोरदार है। ठंड पड़ने से थोक दुकानदारोें का माल लगभग खत्म हो गया है।
व्यापारिक सूत्रोें का कहना है कि इस बार ठंड देर से पड़ने के बाद इसके चलने की सम्भावना के कारण गर्म माल की बिक्री खुदरा बाजारोंे में इस बार बहुत ही बढि़या चल रही है। दुकानदार बिक्री चलने से उत्साहित है। गर्म माल के थोक सप्लायर श्री विनय गोयल का कहना है कि गर्म माल मे कम्बल, ऊनी शाॅल, लोई, लेडीज स्टाल आदि की इस वर्ष जोरदार बिक्री रही है। दिसावर के व्यापारी लगातार गर्म माल माॅंग रहे हैं। रजाई का काम करने वाले श्री प्रेमचंद गुप्ता का कहना है कि राजस्थान के घांधी आश्रम में निरन्तर माॅंग बनी हुई हंै। ठंड बढ़ने के साथ ही कपास भी मंहगी हो गयी है। इस माह खुदरा बाजारों मे दाम आठ से दस रूपए किलो तक बढ़ गये हंै।
पावरलूम कारखानों मालिकों का कहना है कि सर्द हवा के बढ़ने के कारण कारखानांे में श्रमिक काम पर कम ही आ रहे हंै। जिसके चलते कपडे+ का उत्पादन काफी गिर गया है। कपड़ा उत्पादकांे का कहना है कि अभी जब तक ठंड पड़ेगी तब तक कारखानों मंे कर्मचारी काम पर कम ही आ पायेंगे। इस माह कपड़े के उत्पादन में सुधार की कम ही सम्भावना है। कारीगरों के काम पर कम आने से थैला उद्योग में काम कम हो रहा है। व्यापारियों का अनुमान है कि जैसे-जैसे मौसम मंे सुधार होगा वैसे-वैसे कामकाजों मंे भी सुधार होगा ऐसा मानकर के चल रहे है व्यापारी। आने वाले दिनांे मे कामकाज सुधरेंगे तथा भुगतान की स्थिति में भी सुधार होगा।
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