ड्यूपाॅन्ट द्वारा विकसित मक्का से बना ‘सोरोना धागा’ करेगा पर्यावरण मित्र वस्त्रों का नेतृत्व
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मुम्बई/ भारत के अनेक नागरिकों को शीघ्र ही पर्यावरण मित्र वस्त्र पहनने का अवसर प्राप्त हो सकता है। वैसे तो बड़े पैमाने पर कपास से बने वस्त्रों का बाजार में आज भी प्रचलन है और विश्व स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टी से ऐसे वस्त्रों को मान्यता भी है लेकिन पाॅली पाॅपलीन व अन्य पाॅली वस्त्रों के प्रचलन के साथ पेट्रोमेकेमिकल्स उत्पादोें के साथ बाजार में पर्यावरण सुरक्षा विरोधी वस्त्रों का भी प्रचलन अधिक हो गया है। भारत की अनेक टेक्सटाइल मिलों ने अब सोरोना नामक फाइबर का उपयोग शुरू कर दिया गया है जो अन्तर्राष्ट्रीय कंपनी ड्यूपाॅन्ट के द्वारा विकसित किया गया है और इसमें मक्का का उपयोग किया गया है। इस धागे का उत्पादन मक्का के माधयम से हो रहा है। शीघ्र ही बाजार में सोरोना धागे से निर्मित साडि़यां व शर्ट बाजार मंे देखने को मिल सकते हैं। इस इको मित्र पाॅलीमर का उपयोग शीघ्र ही कपड़ों, कार्पोरेट के लिए भी किया जा सकेगा। फिलहाल पश्चिम के देशों में इसका उपयोग हो रहा है। अरविन्द, रेमण्ड, वर्धमान, बांसवाड़ा सिन्टेक्स जैसी कंपनियां इस धागे का उपयोग करने लग गई है। घरेलू वाणिज्यक बाजार में भी पीटर इंग्लैण्ड, पेण्टालून, विपुल साड़ीज ने भी इस धागे का उपयोग शुरू कर दिया है। ड्यूपाॅन्ट के नाॅलेज सेन्टर हेदराबाद में अनुसंधान कार्य किया गया है और संस्थान के तकनिकी निदेशक श्री होमी मेदवार ने कहा कि उन्होंने सोरोना के लिए भारतीय कंपनियों से भी संपर्क किया है। अनुसंधान के दौरान सिविंग थ्रेड, साड़ी, डायनेेमिक फिट, डेनिम परमानेण्ट फ्लेक्स वूलन, ईजी स्टेªज वूलन तथा अल्ट्रसाॅफ्ट निट्स पर विशेष ध्यान दिया गया है। ड्यूपाॅन्ट सभी स्तर पर साझेदारों का भी निर्णय कर रहा है। विभिन्न चुनिन्दा साडि़यों व महिला परिधानों के इस धागे का उपयोग अन्य धागे के समन्वय के साथ किया गया है। शीघ्र ही ड्यूपाॅन्ट वीव एवं डाइंग सुविधायें देशभर में स्थापित करने का कार्य कर सकती है। सोरोना साॅफ्ट है तथा स्थायी तौर पर सुविधाजनक भी है। इसकी ब्लैण्डिंग सूती, नायलाॅन, स्पेण्डेक्स, सिन्थेटिक फाइबर के साथ सहज ही की जा सकती है। इसे बायोपाॅलीमार धागे के साथ भी सहज ही उपयोग में लाया जा सकता है।
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