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पाक से सुधार की उम्मीद नासमझी

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भारत-पाक सीमा पर भारतीय जवानों की नृशंस हत्या को लेकर पूरा देश तनावग्रस्त और गुस्से में है लेकिन भारत सरकार का इस सम्बन्ध में रूख किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने पुंछ सीमा पर भारतीय उत्पादों के प्रवेश को रोक दिया है और सैकड़ों ट्रक सीमा खुलने की प्रतिक्षा कर रहे हैं लेकिन भारत के गृहमंत्री कह रहे हैं कि यह आतंकवादी घटना है। पाक सैनिकों की इस हत्याकाण्ड में लिप्तता नहीं है। हत्या के दिन पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर जश्न का आयोजन किया जबकि दो भारतीय जवानों के सिर काट दिए। इस जघन्य कार्यवाही को देशभर में प्रदर्शनों के माध्यम से भी निन्दा हुई हैंं। रक्षामंत्री इसे पाकिस्तान सेना की निन्दनीय कार्यवाही बता रहे हैं जबकि गृहमंत्री इसे आतंकी कार्यवाही बता रहे हैं। यह तो सि( हो चुका है कि घटना भारत-पाक सीमा पर हुई है। सरकार ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर उसे प्रताडि़त भी किया है लेकिन इसका पाकिस्तान पर कोई असर नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने विवादों को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है। पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया गया है और इसके माध्यम से पाकिस्तान के उत्पाद भारत में रियायती अथवा शुल्क रहित भी आयात हो रहे हैं। इससे भारत को बहुत अधिक आर्थिक लाभ भी हुए हंै। क्योंकि अब तक पाकिस्तान भारतीय उत्पादों का आयात खाड़ी के देशों के माध्यम से करता आया है। लेकिन भारत की पहल सीमा के रास्ते कम यातायात लागत पर पाकिस्तान के उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है। भारत को पाकिस्तान ने अब तक मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया है। हालांकि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच अनेक बार बातचीत भी हो चुकी है। अब कहा जा रहा है कि भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने के सम्बन्ध में शीघ्र ही पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री मखदूम अमीन फहीम भारत यात्रा पर आ रहे है। इस्लामाबाद ने भारत के उत्पादों के आयात को नकारात्मक सूची में कटौती करके अनुमति दे दी है। लेकिन सीमा पर घटित इस घटना के बाद भारत के साथ पाकिस्तानी सम्बन्धों पर सरकार को अब पुनर्विचार अवश्य करना चाहिए। भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबन्ध स्थापित करने के उद्देश्य से अभी हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का दौरा भी भारत में आयोजित किया था। पाकिस्तान की जनता भारत के साथ दुश्मनी नहीं चाहती है लेकिन अब तक कोई भी ऐसी पाकिस्तानी सरकार नहीं आई है जिसने अपने अस्थित्व को बनाए रखने के लिए भारत के साथ दुश्मनी को आधार नहीं बनाया है। अब तक हर मोर्चे पर सहयोग, सौहार्द व शान्ति के लिए केवल भारत के द्वारा ही पहल की गई है लेकिन पाकिस्तान ने हर मोर्र्चों पर भारत को नीचा दिखाने का ही कार्य किया है। पाकिस्तान ने 8000 से अधिक उत्पादों में से आज भी 1123 उत्पादों को नकारात्मक सूची में डाल रखा है। जिनका आयात भारत से नहीं किया जा सकता है। पूर्व में यह प्रतिबन्ध 6000 उत्पादों पर लगा हुआ था। भारत के साथ व्यापार से पाकिस्तान को अधिक लाभ हो रहा है, उसके आयातित उत्पादों की लागत लगातार घट रही है। पाकिस्तान में वाणिज्य मंत्री माह के अन्त में आगरा में आयोजित होने वाले निवेश सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं लेकिन पाकिस्तान से किसी भी मंत्री को भारत में आमंत्रित करने अथवा भारत के प्रधानमंत्री सहित किसी भी मंत्री के द्वारा पाकिस्तान की यात्रा पर जाने से पूर्व पाकिस्तान के साथ भावी सम्बन्धों का अवश्य ही खुलासा हो जाना चाहिए। पाकिस्तान जब तक अपनी सीमा से आतंकवादी घटनाओं के पोषण को समाप्त नहीं करता तब तक भारत को भी पाकिस्तान के साथ सामाजिक, आर्थिक संवाद तत्काल रोक देना चाहिए साथ ही भारत पाकिस्तान में सुधार की उम्मीद ना ही करें तो बेहतर है।

                 

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