सिंथेटिक प्रोसेस हाउसों में माल की कमी : कामकाज सामान्य
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बालोतरा/ औद्योगिक गतिविधियां मंथर गति से चलायमान होने के कारण स्थिति सामान्य बनी हुई है। वैध इकाइयां नियमों की पालना के साथ उत्पादन लेने को अग्रसर है, वहीं अवैध इकाइयां नियमों को ताक में रख कर कार्य करने के समाचार है। प्रदूषण विभाग के अधिकारी इन पर शिकंजा कसने को आतुर है, मगर उन्हें भी परेशानियां से झूझना पड़ रहा है। जब से पाली के औद्योगिक प्रतिष्ठान बन्द है, तब से बालोतरा-जसोल-बिठूजा के उद्यमी भी सहमे-सहमे लग रहे हैं। जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग पर्यावरण हित में सख्ती कर रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि कोई एक्शन लेने से पूर्व उन्हें कम से कम सुना तो अवश्य जाना चाहिए, फिर निर्णय कुछ भी करे।
स्थानीय उद्यमियों ने प्रदूषण की रोकथाम के लिये जहां सराहनीय प्रयास किये, वहीं जल की मितव्ययता पर जो कारगर कार्यवाही की है, उससे जल के उपयोग में भारी अन्तर आया है। पानी के पुनः उपयोग की कार्य प्रक्रिया से जलदोहन में कमी के संकेत है। पर्यावरणीय सूचिता हेतु निजी स्तर पर ईटीपी लगाने की प्रक्रिया में कई कम्पनियां कार्य कर रही है।
पर्याप्त बरसात का अभाव खटक रहा है। अकाल की पीड़ा के दर्द की झलक परिलक्षित हो रही है। ऐसा प्रतीत होने लगा है कि स्थानीय उत्पादों की मांग में न्यूनाधिक कमी का वातावरण है। जिसके मूल में लागत वृ(ि भी मुख्य कारण माना जा सकता है। पोपलीन के मर्सराइजेशन में दिक्कतें आने से उस माल के तैयार होने में अधिक समय लग रहा है। इसके विकल्प के रूप में इन मर्सराइज माल तादाद में चल रहा है।
सिन्थेटिक प्रोसेस हाऊसों पर पर्याप्त माल का अभाव है। लगता है कि सिंथेटिक मालों की मांग निरन्तर कम होती जा रही है। हो सकता है दूसरी मण्डियों में माल सस्ता तैयार हो रहा हो। ऐसा बताया जा रहा है कि अधिकांश ऐसे प्रोसेस हाऊस पोपलीन उत्पादन प्रक्रिया में ढलने को आतुर है। इसके लिये पूर्ण रूप से प्रयासरत है, परन्तु उन्हें सहमति दी नहीं गई है।
कुल मिलाकर वे यूनिटें समृ¼ बनने के साथ मार्जिन का काम कर रही जिनकी स्वयं की अपनी व्यवस्था है। हर प्रक्रिया में आश्रित इकाइयों का भविष्य डांवाडोल लगने लग रहा है और वे अन्यत्र अपना उद्योग स्थापित करने की सोच में है।
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