समर की तैयारियां शुरूः नाॅन डेनिम में डिमाण्ड
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कोलकाता/ विन्टर सीजन का समापन अभी हुआ नहीं कि समर सीजन की तैयारियां शुरू हो गयी है। होेलसेल कपड़ा व्यवसाय में यह वक्त मिली जुली प्रक्रिया का है। रिटेल बाजार में सीजन सिमटने के कारण काफी संभल कर खरीददारी का माहौल बना हुआ है। जहां तक रेडीमेड और गारमेण्ट का प्रश्न है, इस क्षेत्र में समर सीजन की खरीददारी की चहल पहल दिख रही है। बाजार में गन्जी मटेरियल दिख रहा है। वैसे स्थानीय उत्पादन के अलावा लुधियाना और पानीपत का कपड़ा बुक हो रहा है। प्लेन, डाइड और स्ट्रिाइप के माल खुल रहे हैं। आगे प्रचण्ड गर्मी के आसार दिख रहे हैंं सो तैयार गंजी की अच्छी डिमाण्ड होगी।
समर सीजन को ध्यान में रखकर अहमदाबाद के काॅटन और काॅटन फिल कपड़ा अच्छा बिकेगा। प्लेन और फ्लावर प्रिण्ट में अच्छी खरीददारी होगी। महिला वस्त्रों के लिए अहमदाबाद और सूरत के ड्रेस मटेरियल की शुरूआती मांग देखने को मिली है। भिवण्डी का शर्टिंग रेंज का कपड़ा बिकेगा, अहमदाबाद का प्लेन काॅटन कुर्ता-कुर्ती आदि रेंज में माल की खरीददारी रिटेल के रवैये को देखकर मांग निकल सकती है। कुर्ती के लिए रेडीमेड की अच्छी मांग है। यहां रंग और प्रिण्ट पर बिकवाली का आधार है। भीलवाड़ा का नाॅन डेनिम समर में अच्छा चलता है। व्यापारियों को उम्मीद इस साल भी मध्यम रेंज में नोन डेनिम की खरीदी होगी। किड्स वियर के लिए नाॅन डेनिम की खरीददारी हो रही है लेकिन रेट का दायरा सीमित होने के कारण दिक्कत हो रही है। इस वक्त ऊंचे रेट में कपडे की डिमाण्ड धीमी है। बरमूडा के बड़े आॅर्डर आने की संभावना को देखकर इचलकरंजी के कपड़े में भी अच्छी डिमाण्ड निकलने की आशा है। अब समर सीजन के लिए कपड़ा इरोड से भी आ रहा है।
साड़ी और सलवार कमीज में बिक्री की रफ्तार कमजोर दिखाई पड़ रही है। आगे सूती साड़ी में खरीदी होने की सम्भावना है। स्कूल यूनिफाॅर्म में अभी भी मांग बरकरार हैै। दाम में बढ़ोतरी होने के बावजूद बडे आॅर्डर का माल तैयार करने के लिए और समय पर सप्लाई करवाने को गोरखपुर के कपड़ों की मांग बनी हुई है। प्लेन माल को सूटिंग और शर्टिंग दोनों में डिमाण्ड अच्छी है, बल्कि कपड़ों की खरीद में काफी उठापटक हुर्ई लेकिन गोरखपुर के रेट के सूटिंग की एक तरफ स्थिरता की मांग बनी हुई है। मटियाबुर्ज में अब यूनिफाॅर्म के अलावा फ्लावर प्रिण्ट और गंजी के कपड़ों में भी बुकिंग हो रही है। भीलवाड़ा सूटिंग का मीडियम रेंज विशेष कर नाॅन डेनिम अब यहां पर चलने की उम्मीद है। जिन्स और टीशर्ट के अलावा फैंसी माल की बिक्री काफी सुस्त रही है।
हैदराबाद के कम दाम के सिन्थेटिक कपडे में कुछ खरीददारी देखने को मिली है। बाहर के रेडीमेड वस्त्रों की आपूर्ती के लिए ज्यादा माल कम रेटों का ही चल रहा है। जब भी बजट के दिन करीब आते हंै व्यवसाइयों में कपड़ा उद्योग के लिए विशेष नीति का खयाल आ जाता है। पिछले वर्ष के बजट के बाद सूत और कपड़े के दामों में काफी तेजी देखी गयी है। अब इस साल कोई ठोस कपड़ा नीति टेक्सटाइल उद्योग को उत्साह कर सकती है। देश में खेती से लेकर तैयार वस्त्रों तक लाखों हाथ इस उद्योग से जुडे हुए हैंं।
अगर इस क्षेत्र को बड़े पैमाने पर फैलाने की योजना बने तो कृषि, लघु, उद्योग, व्यापार और खरीददार के बीच की यह श्रंखला देश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त भूमिका अदा कर सकती है।
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