Textile News
बिजनेस के सात पिल्लर

Email News Print Discuss Article
Rating

जैसे इन्द्रधनुष के सात रंग होते हैं ओर सूरज सात गृहो की सवारी करता है ठीक उसी प्रकार कोई भी बिजनेस सात पिल्लर्स पर ठिका हुआ होता है। ठीक उसी प्रकार कोई भी कम्पनी कितने समय तक मार्केट में टिकी रहेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी नींव कितनी मजबूत है एवं पिल्लर्स में कितनी ताकत है। ‘अकेला चना भांड़ नहीं फोड़ सकता’ यह कहावत बहुत पुरानी है लेकिन यह शाश्वत सत्य है। किसी भी व्यावसायिक संगठन, चाहे वह फर्म हो, कंपनी हो अथवा अन्य कोई रूप हो। उन्हंे इन सात पिल्लर्स की आवश्यकता अवश्य पडती है। किसी भी आॅर्गेनाइजेशन के यह सात पिल्लर जितने ज्यादा मजबूत होगे वह उतनी ही ज्यादा तरक्की करेगा एवं लम्बे समय तक मार्केट में टिका रहेगा। सात पिल्लर्स को इस तरह परिभाषित किया गया है। 1. राजा- किसी भी आॅर्गेनाइजेशन का पहला पिल्लर वह होता है। जिसकेे पास दुरदृष्टि, पक्का इरादा होता है। क्योंकि वही आॅग्रेनाइजेशन का कैप्टीन होता है। इस कैटेगरी में कम्पनी के चैयरमेन, मेनेजिंग डायरेक्टर, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एवं संदर्भ में सीईओ ;चीफ एग्जिक्यूटिव आॅफिसरद्ध इत्यादि की गणना की जाती है। 2. मंत्री- जिस तरह अकबर ने अपने दरबार में नवरत्नों को प्रमुख जगह दी हुई थी, ठीक उसी प्रकार आजकल अच्छे कर्मचारी मिलने पर कंपनी अपने आप उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकती है। मैनेजर की एक भूमिका मार्गदर्शक की भी होती है, सही मार्गदर्शन उचित समय पर मिले तो राजा को निर्णय लेने में सुविधा होती है। 3. प्रजा- ग्राहक;क्लाइंट नेटवर्कद्ध किसी भी कंपनी को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए मार्केट की जरूरत होती है। प्रोडक्ट बहुत अच्छा भी हो लेकिन खरीददार नहीं हो तो प्रोडक्ट किस काम का। मार्केट में जिसका वर्चस्व रहेगा वही मार्केट का सरताज होगा। क्लांइट नेटवर्क बढाने के बहुत सारे माध्यम मार्केट में मौजूद है जैसे ः ।स्ज्ए ठज्स्ए ब्ैत् ।बजपअपजल इत्यादि ;इसका विस्तृत विवरण पढ़ने के लिए पिछला अंक देखेद्ध 4. राजमहल- ;हैड आॅफिसद्ध यह किसी भी व्यवस्था के लिए कन्ट्रोल पावर का काम करता है। हैड आॅफिस में ही व्यापारिक स्टेªटेेेेजी, मिटिंग्स, प्लानिंग, एग्जीबीशन से संबधित निर्णय लिये जाते हैं और इन्हीं नीतिगत निर्णयों ;पोलिसी डिसीजनद्ध से कंपनी का व्यावसायिक भविष्य निर्धारित होता है। ;5द्ध खजाना- ;फाइनेंसद्ध कहा गया है की ‘भूखे भजन ना होय गोपाला’। वैसे ही व्यवसाय की भूख पैसे से शुरू होकर पैसे पर ही खत्म होती है। व्यवसाय में बोले जाने वाले 10 सेन्टेन्स में से 9 सेन्टन्ेस पैसे की भाषा में ही बोले जाते हैं बिना पैसे बिजनेस की कल्पना भी नहीं की जा सकती। फैक्ट्री लगाने के लिये, राॅ-मटेरियल खरीदने के लिए, आॅफिस मेन्टेेन करने के लिए सब जगह पैसा चाहिए, इसके बिना कुछ नही होता है। ;6द्ध सेना - ;टीमवर्कद्ध व्यापार और यु( में बहुत समानता है। जिस प्रकार यु( लड़ने के लिए प्रबल सेना, घुड़सवार, सेमी बटालियन, सेनापति इत्यादी सभी का होेना एवं उनमें आपस में सामंजस्य रहना अत्यावश्यक है। उसी प्रकार किसी आॅर्गेनाजेशन को चलाने के लिए प्रेसिडेन्ट, वाइस प्रेसिडेन्ट, रिजनल मैनेजर, एरिया इन्चार्ज, सेल्स एक्जिक्यूटिव, अकाउंट डिपार्टमेण्ट, एडमीन व एच.आर.डिपार्टमेण्ट, परचेजस डिपाटमेण्ट, सी.एस, टेलीफोन आॅपरेटर पर्सनल सेकेेट्री, ड्राइवर व पिओन इत्यादि का होना एवं उनमें आपस में अच्छा कोर्डिनेशन होना अतिआवश्यक है तभी आर्गेनाइजेशन की इमेज अच्छी बनती है। इनमें से प्रत्येक इकाई अपने आप उस आर्गेनाइजेशन को प्रतिबिम्बित करती है। आर्गेनाइजेशन में किसी को भी छोटा नहीं समझा जाना चाहिए, चाहे व पिओन ही क्यों न हो, अगर आॅफिस में कोई आये और उससे कोई आधे घण्टे तक चाय पानी नही पुछे तो उस आगंतुक के दिमाग में उस आॅर्गेनाइजेशन की अच्छी इमेज कभी नहीं बन पायेगी इसलिए पिओन भी महत्वपूर्ण है। ;7द्ध राजगुरू - ;सलाहाकारद्ध - इंसान एक सामाजिक प्राणी है। हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। उस समय व्यक्ति को उचित सलाह की आवश्यकता होती है कहा गया है कि ‘ए फ्रेंड इन नीड इज ए फ्रेंड इनडीड’ अर्थात सच्चा दोस्त वहीं होता है, जो मुसीबत में काम आये। एक गलत सलाह किसी आॅर्गेनाईजेशन के पतन का कारण बन सकती है एवं सही सलाह आॅग्रेनाइजेशन के उत्थान में सहायक साबित हो सकती है पुराने जमाने में यह काम राजगुरू किया करते थे। आजकल इस हेतु करीबी मित्रों अथवा व्यावसायिक सलाहकारांे की सहायता ली जाती है। इसलिए यह पिल्लर अर्थात् सच्चे सलाहाकार भी परम आवश्यक है। इस प्रकार अब यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी बिजनेश को सफलता पूर्वक चलाना हो तो इन सात पिल्लर्स को ध्यान रखना चाहिए। एक भी पिल्लर यदि कमजोर हुआ तो बिजनेस पर निगेटिव असर आये बगैर नहीं रहेगा।

                 

Reader's Comments:
Select Language :
Your Comment
Textile News Headlines
Your Ad Here
Textile Events
Textile Articles
Textile Forum
powerd by:-
Advertisement Domain Registration E-Commerce Bulk-Email Web Hosting    S.E.O. Bulk SMS Software Development Web   Development Web Design