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कड़ाके कीे ठण्ड से बीच ‘गर्म’ होता वूलन का फैंसी ‘तिब्बती’ बाजार

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मेरठ/ सर्दी ने एक बार फिर करवट मार ली है। पहाड़ों पर पड़ रही बर्फ के कारण मैदानी क्षेत्रों में बारिश, ओले व शीत लहर की मार पड़ रही है। जिससे ठण्डे होते वूलन बाजार में एक बार फिर रौनक आ गई है। मौसम विभाग की सूचना है कि, अभी ठण्ड व बारिश भी बढ़ सकती है। वूलन में वैवाहिक मांग भी अच्छी बनी हुई है। मेरठ में तीन बाजारों के बीच हर साल तिब्बती मार्केट लगता है। यहां कम कीमत में उच्च गुणवत्ता के गरम कपड़ों की खरीददारी के लिए यहां लोग उमड़ रहे हैं। ये तिब्बती मार्केट मेरठ में ही नहीं बल्कि देश के हर कोने में विशेष पहचान बनाए हुए है। विक्रेता मटुप बताते है कि सभी एक यूनियन के तहत बड़े शहरों जैसे जयपुर, चण्डीगढ़, भोपाल, दिल्ली में भी गरम कपड़ों का बाजार लगाते है। सभी सर्दी शुरूआत में आते हैं और सीजन खत्म होने पर चले जाते हैं। इस बाजार में हर वर्ष के लिए कुछ खास जरूर होता है। यहां उनी कपड़ों की अच्छी वैराइटी मौजूद है जिसमें फैशन के अनुसार लेडिज और जेंट्स, पुलोवर और जैकेट्स की वैरायटी उपलब्ध है। यही नहीं ये बाजार बेगमपुल, आबुलेन, लालकुर्ती बाजारों के बीच स्थित है व इनकी तुलना में सस्ता भी है। अन्तर्राष्ट्रीय भारतीय सहयोग समिति के सदस्यता सभी विक्रेता एक यूनियन में काम करते है। इसमें 15 लोगों के एक ग्रुप के साथ ये तिब्बती बड़े शहरों में मार्केट लगाते है। मेरठ में तिब्बती मार्केट नगर निगम की मंजूरी पर लगता है। तिब्बती मार्केट में तिब्बत से लाए गए पारम्परिक परिधानों के अलावा पुलोवर, जैकेट्स, गर्म सूट, शाॅल आदि की आपुर्ती देशभर में गरम कपड़ों के लिए जाने-जाने वाले लुधियाना से की जाती है। जिसमें अंगूरा वूलन को ज्यादा सराहा जाता है। इस मार्केट में करीब दो दर्जन दुकानें हंै। सर्दी आते ही ये बाजार गुलजार हो जाते हैं। दुकानदारों का पूरा परिवार व्यापार संभालने में लग जाता है। महिला विक्रेता कैलसंग की माने तो उन्हंे रोजाना चार से पांच हजार रूपए की आमदनी हो जाती है। रोजाना यहां डेढ़ लाख के करीब का व्यापार होता है। ठण्ड बढ़ने पर ये और भी बढ़ जाता है। महिला परिजनों में वैवाहिक उत्सव की खरीद जमकर हो रही है। साडि़यों की बात की जाए तोे हर प्रकार की साडि़यां इस समय की खरीद में है। 300 से 500 रूपए तक लेने देने में गिफ्ट पैक खरीदने में है। व अन्य हैवी साडि़यां 700 रूपए से 40,000 रूपए तक ब्राॅइडल मांग पर मौजूद है। वहीं लहंगों की खरीद व पूछपरख भी निकली है।

                 

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