उत्साहवर्धक नहीं है कामकाज
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ग्वालियर/ गत पखवाडे+ यहां की थोकवार रिटेल कपड़ा मार्केटों में निराशा जनक ग्राहकी से व्यापारियों के हौसले पस्त हो चुके है। कमजोर ग्राहकी की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, जिसका असर न केवल इस सीजन की ग्राहकी पर पड़ा बल्कि आगामी महत्वपूर्र्ण सीजन में इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि व्यापारियों के साथ पहले ही पर्याप्त स्टाॅक से पुराना पेमेण्ट चुकाने की स्थिति नहीं है। नया माल खरीदने की क्षमता भी खत्म हो गयी है, क्योंकि सारग का सीजन ग्रामीण क्षेत्र में होता है और इस सीजन में व्यापारी अपने पूरे वर्ष की 60 से 70 प्रतिशत ग्राहकी इसी दौरान करता है। इस वजह से पूरे वर्ष का निजात बिगड़ जाएगा। मिले कई प्रकार से स्कीमें व आॅफर देकर भी सन्तुष्ट नहीं है। मिले माल की बिक्री हेतु प्रयासरत है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ मालों में मिले खुद दोषी है, क्योेंकि मिलों ने सब ब्राण्ड बनाकर अपनी स्थिति खराब कर ली है। यहां पर डीलर न मिलने तथा मिलों का पर्याप्त ध्यान न दे पाने के कारण वे उनके लक्ष्य से भटक रहे हैं। जो मिले अपने प्राॅडक्ट को बाहर से बनवा रही है उसमें कई बार उनको घाटा उठाना पड़ रहा है और भारी डिस्काउण्ट से माल को बेचना पड़ रहा है। पिछले कुछ समय से कमजोर ग्राहकी चलने के कारण नाणातंगी की स्थिति हो गयी है। सूटिंग व शर्टिंग के अन्दर तो ग्राहकी कमजोर है लेकिन साडि़यों के अन्दर भी ग्राहकी फीकी पड़ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि रिटेल व होलसेल में सूटिंग की ग्राहकी कमजोर रही है।
सूटिंग में टीएल, सफारी व सूटलेन्थ में छुटपुट ग्राहकी है। थानों में ग्राहकी ज्यादा कमजोर है। पीवी, पीसी, लिनन, टीआर, प्लेन, लाइनिंग व फैंसी कलर्स में ग्राहकी ठीक रही है। मिलों में जेहेम्प्सटेड, सियाराम, डोर्नियर, एमपीटेक्स, ड्यूरोटेक्स, बजाज फैब, जिन्दल फेब, बोनीटेक्स के मालों में ग्राहकी सामान्य से कम रही है। इस समय सूरत की लहंगा साड़ी में विशेष मांग है। प्रिण्ट पर शाइनर, प्लेन व प्रिण्ट पर वर्क की मांग अच्छी है। सूरत में इस वक्त लहंगा भी प्रस्तुत किया है। 1,500 से 2,500 की रेंज में अच्छी मांग है। कोलकाता के हेवी वर्क की ऊंची रेंज 3,000 से 10,000 की मांग अच्छी है। जयपुर की तार वर्क में 800 से 1,000 रेंज में अच्छी मांग है। सूरत की राजश्री, गुरूदेव, शिवानी, जय कृष्ण, हितेश व निधी के मालों मेंं अच्छी ग्राहकी है।
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