यूनिफाॅर्म बाजार की सरर्गमियां बढ़ी
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इन्दौर/ मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र में वर्षा ने व्यापारियों और किसानों को चिन्तित कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि चने की फसल को नुकसान हो सकता है और शीत लहर फिर से मौसम को ठण्डा कर सकती है। अनुमानों के आधार पर अभी वूलन के थोक व्यापारी पानीपत के रंग बिरंगे गुदड़ ट्रकों से मंगवा रहे हैं। रजाइयों को मात देकर गुदड़ों की रिकार्ड बिक्री हुई है। तमाम फेरी वाले इस बार इस बिक्री से आश्चर्य चकित रह गए हैं। गुदड़ अभी भी बिक रहे हैं। ठण्ड के विस्तार से एक बार फिर लग्नसरा की ग्राहकी पर असर झलका है। व्यापारियों के अनुसार ठण्ड ने इस बार ग्राहकी का मजा किरकिरा कर रख दिया है। वांछित ग्राहकी नहीं चलने से थोक व्यापारियों के टारगेट बिगड़ गए है। इस बार व्यापारियों को विश्वास था कि अच्छी ग्राहकी बढ़त लेगी परन्तु समय फेर इस कदर उल्टा घूमा कि ग्राहकी बैठ गयी। सीजन आइटमों की ग्राहकी में इजाफा झलका है जबकि शर्टिंग-सूटिंग, साडि़यों सलवार सूटों की बिक्री का रूझान कमजोर रहा। शहरी ग्राहकी जरूर चली जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ग्राहकी में सुस्तीभरा आलम रहा। इस वक्त युवा व्यापारी बुजूर्ग व्यापारीयों से गाइडेन्स ले रहे हैंं।
इस समय यूनिफाॅर्म वस्त्र उद्योग में व्यापक हलचले शुरू हो गयी है। सूटिंग-शर्टिंग में देवास में स्थित एस. कुमार्स एवं बांसवाड़ा स्थित बांसवाड़ा सिन्थेटिक्स में पूरे ताकत के साथ यूनिफाॅर्म वस्त्रों का निर्माण कार्य चल रहा है। भीलवाड़ा की स्थापित यूनिटंे भी क्षमता के साथ कार्य कर रही है। पूरे देश में यूनिफाॅर्म का चलन हर जगह बढ़ने से सूटिंग्स यूनिफाॅर्म की खपत 25 प्रतिशत तक बढ़ी है। सभी यूनिफाॅर्म निर्माताओं के पास इस समय अच्छा काम है और आने वाले दिनों में कामकाज की रफ्तार दूगुनी होने की प्रबल संभावना है। इन्दौर गारमेण्ट उद्योग का पूरे इलाके में वर्चस्व है। इसका फायदा थोक कपड़ा व्यापारियों और मिलों के एजेण्टों को मिल रहा है। थोक कपड़ा बाजार में भीलवाड़ा के ‘रेग्यूलर सूटिंग’ की बिक्री साधारण ही है। अभी रफ्तार वाली बिक्री नहीं है। मिलों की बिक्री में जरूर सुधार झलका है। रेमण्ड, ग्रेवियरा, ओसीएम, विमल, सियाराम, ग्रेसिम, डोनियर, जेहेम्प्सटेड, रीड एण्ड टेलर, बीएसएल, चिनार, वीएचएस, में मांग साधारण ही है। भीलवाड़ा की सुजुकी, बीडी, गुडविल, मुरारका, में रिस्पोंस है। बेलमोण्ट ने भी इन्दौर में अच्छी पकड़ की है। नई रेंजो को समर्पण मिला है। बाजार में थान, सफारी, टीआर, काम्बी पैकिंग का जबरदस्त स्टाॅक है।
मिक्स एण्ड मैच पेण्ट शर्ट जोड़ों में अरिहन्त टेªडर्स उज्जेन का ‘प्रकाश प्रीमियम’ जोड़ा मांग पर है। थोक कपड़ा बाजार में लग्जरी ब्राण्ड्स का दबदबा तेजी से बढ़ रहा है। लग्जरी ब्राण्ड इन्दौर थोक कपड़ा बाजार पर हावी हो गया। यंग कन्जूमर नए उत्पादों को तवज्जो दे रहा हैं। स्थानीय शर्ट पीस निर्मातागण समर सीजन की तैयारियां कर रहे हैं। ताकि समर की सप्लाई लाइन मजबूत बने। कपड़ा बाजार में पीस डाइड लिनन में मांग है। गारमेण्ट थोक कपड़ा बाजार में ग्राहकी साधारण है। अभी गारमेण्ट क्षेत्र से पेमेण्ट की आवक कमजोर बनी हुई है। लग्नसरा होने के बावजूद भी खुदरा गारमेण्ट में ग्राहकी सुस्त ही है। बाजार में इस समय ब्राण्डों की क्वालिटी में दक्षलीन, क्यूमेक्स, रमेश, एमपीटेक्स, बजाज फेब, जिन्दल फेब, स्पर्श फेब नवकार, अशविरा फैब्रिक की विशिष्ट रेंजो को समर्थन है। सूरत की ‘पगारिया सिन्थेटिक्स’ 58“ में 100 काॅटन लिनन, प्लेन कलर्स एवं चेक्स अच्छे चल रहे हैं। जालान सिल्क मिल्स प्राइवेट लिमिटेड की सभी क्वालिटीयां उम्दा प्रदर्शन कर रही है। बेहतरीन डिजाइनों के कारण बाजार में बहुत अच्छी मांग है। मुम्बई की श्री सेफराॅन फैब्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड प्लेन लाइनिंग, चेक्स, डोबीज, जेकार्ड, पिकएनपिक फिलाफिल में मांग बराबर है।
मण्ड़प कपड़ों में ख्यातनाम ब्राण्ड मानसी प्रिण्ट सूरत ने आगामी वैवाहिक सीजन का ध्यान रखते हुए कई कलेक्शन लांच किये हैं। जो कि विश्व में स्पेशल एवं फाइनेस्ट है। थोक कपड़ा बाजार में साडि़यों एवं सलवार सूटों में वेडिंग कलेक्शन का बाजार फिलहाल सुस्त होता जा रहा है। व्यापारियों के अनुसार लग्नसरा का सीजन करीब करीब निपट चुका है। इस बार लग्नसरा पर फैंसी साडि़यों की बिक्री अच्छी रही है। लहंगा चुन्नी, नेट, जाॅर्जेट, साटन एम्ब्राॅयडरी वर्क भी चलन में रहे। साडि़यों में वैल्यू एडेड वर्क एवं एम्ब्राॅयडरी अभी भी फलफूल रहा है। थोक कपड़ा बाजार में रनिंग डिजाइनों का बोलबाला ही रहा है। थोक कपड़ा बाजार में काॅटन मालों की अभी भी अछत है। पोपलीन डाइड एवं ब्लाउज मटेरियल, टू बाई टू टेरी रूबिया, जरी के फैंसी ब्लाउज पीसों में साधारण मांग ही है। बाजार में रोटो, मिंक, माइक्रो, रेमण्ड काॅटन, स्विस काॅटन, स्पन रेंग बिक रही है। थोक व्यापारी इस समय बजट का इंतजार कर रहा है। इस बार थोक गारमेन्ट उद्योग वित्तमंत्री से डयूटि हटाकर गारमेण्ट सेक्टर सेगमेण्ट पर से डयूटी हटाकर गारमेन्ट पर से डयूटि हटती है तो सम्पूर्ण गारमेण्ट सेगमेंट की ग्राहकी में सुधार हटती है तो सम्पूर्ण गारमेण्ट सेंगमेण्ट की ग्राहकी में सुधार की उम्मीद रखता है तो सम्पूर्ण गारमेण्ट सेगमेण्ट की ग्राहकी में सुधार झलक सकता है, यदि कपड़ा उद्योग में सुधार किया गया तो नियति बढ़ सकती है।
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