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कारीगरों की हड़ताल से कामकाज अस्त व्यस्त

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इचलकंजी/ शहर तथा नजदीकी देहाती इलाकों में चल रहा पावरलूम उद्योग पिछले तीन सप्ताह से पावरलूम कारीगरों का वेेतन वृ(ि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन काम बंद आंदोलन शुरू है। इस हड़ताल में कारीगरों के सगंठनों ने स्थायी वेतन की मांग की है, जो की देश के सभी टेक्सटाइल केंद्रों में उत्पादन के आधार पर वेतन दिया जाता है। महाराष्ट्र के कामगार मंत्री ना. हसन मुश्रीफ साहब ने की अध्यक्षता में 10 फरवरी को बुलायी गयी मिटिंग में कामगार तथा पावरलूम धारकों के संगठनों में समझौता न होने से कामगार संगठनों ने अपना आंदोलन जारी रखा है। हड़ताल के इस 21 दिनों के दौरान स्थानीय वस्त्रोद्योग का भारी नुकसान हुआ है। करीबन 12.5 करोड़ मीटर कपड़ा उत्पादन न होने से सूत तथा कपड़ा बाजारों का 670 करोड़ रुपयों की मजदूरी से कारीगरों को हाथ धोना पड़ा है। इस लंबे समय से चली हड़ताल से कारीगर तथा पावरलूम मालिकों के साथ इस उद्योग से जुडे+ हर उद्योग तथा सेवार्थीयों को काफी वित्तीय परेशानियों से सामना करना पड़ रहा है। कामगार मंत्री, प्रशासकीय अधिकारी तथा लोकप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों के बावजूद इस हड़ताल को खत्म करने में सफलता प्राप्त नहीं हुई। 10 फरवरी के मिटिंग के कुछ दिन पहले से ही हर स्तर पर, हर प्रस्तावों पर भारी चर्चा हुई। इस दौरान होनी-अनहोनी चर्चा ने काफी मोड़ लिये। संतुष्टजनक फैसले का अंतिम लक्ष को लेकर चली चर्चा कामगार एवं कारखानादारों में समझौता कराने हेतु महत्वपूर्ण और आवश्यक थी। दोनों पक्षों के तरफ से काफी आरोप-प्रत्यारोप हुये। इससे चलते शहर की बिगड़ती औद्योगिक शांतता तथा कायदा-सुव्यवस्था की गंभीरता को ध्यान में लेकर पावरलूम धारकों के संगठनों ने पावरलूम कारखाने शुरु करने का आवाहन किया है। इस पूरी प्रक्रिया में कामगार मंत्री हसन जी मुश्रीफ साहब के साथ कामगार उपायुक्त श्री.हेंद्रें, सरकारी कामगार अधिकारी श्री वी. डी.गुजर, विद्यमान विधायक सुरेशराव जी हाकवणकर, भूतपूर्व वस्त्रोद्योग मंत्री प्रकाशराव जी आवाडे,भूतपूर्व सांसद श्रीमति निवेदिताजी माने, वस्त्रोद्योग महासंघ के अध्यक्ष धनपालजी इन सभी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। इस अभूतपूर्व हड़ताल के दौरान सूत तथा कपड़ा बाजारों पर भारी असर हुआ है। पावरलूम कपड़ा उत्पादन पूरी तरह रुक जाने से तथा अनिश्चित परिस्थितियों के कारण बाजारों में ग्राहकों की कमी महसूस हो रही है। फिर भी इस हड़ताल से आॅटो तथा शटललैस लुम्स का ताल्लूख न होने से आॅटो और शटललैस लुम्स पर कपड़े का उत्पादन शुरु है। इसके चलते सूत बाजार में थोड़ी-बहुत ग्राहकी चल रही है। कपड़ा बाजार में आॅटोलुम्स के कपड़ांे का कारोबार शुरू है। हड़ताल के दिनों में कपड़ा उत्पादन बंद रहने के बावजूद सूत एवं कपड़ो के भाव स्थिर है। ताजा स्थिती के अनुसार कुछ शर्तों के आधार पर पावरलूम उद्योग शुरू हो जाने से बहुत ही जल्द स्थानीय पावरलूम सेक्टर पूरी क्षमता केे साथ शुरू होने की सभंावना है। शहर का हर उद्यमी, कारीगर, व्यापारी तथा आम नागरीक आशा रखता है कि वर्तमान हड़ताल अच्छी तरह से खत्म हो जाय और भविष्य में नयी आपत्ती या संकट न आये। अब तक जो नुकसान हुआ है, वह भविष्य में कभी भी निकल नहीं सकता। फिर भी उद्यमी, कारीगर तथा व्यापारीयों में शहर की उन्नति तथा विकास की सद्भावना बरकरार रहने की उम्मीद शहरवासी कर रहे हंै।

                 

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