ग्रे कपड़ों में स्थिरता ः सूती ब्लीच पोपलीन को मांग का समर्थन
सफेद और रंगीन सूती कपड़ा की तथा लायक्रा की मांग बढ़ी
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मंुबई/ सीजन की ग्राहकी में अभी कोई जोर नहीं है। जबकि यह सीजन अच्छी बिक्री का माना जाता है। हालांकि बाजार में सूती कपड़ों की मांग है, जबकि सिंथेटिक कपड़ों में सुस्ती है। सूती कपड़ों में सफेद और रंगीन दोनों कपड़ांे की मांग निकली है। पीस डाइड कपड़ों की बाजार में भारी मांग निकलने से हाजिर में स्टाॅक की कमी है, वहीं लायक्रा कपड़ों की सप्लाई बढ़ी है। स्कूल यूनिफाॅर्म, अक्षय तृतीया से शादी-विवाह की सीजन शुरू हो रही है साथ ही समर की सीजन को देखते हुए बाजार में अच्छे कारोबार की उम्मीद की जा रही है। लेकिन बाजार में आर्थिक संकट पहले से अधिक खराब होने का भय लोगों को सता रहा है। सर्राफा बाजार में आई गिरवाट से निवेशकों का धन वहां फंस जाने का भय है।
दूसरी ओर काॅटन यार्न के बढ़ते भाव में रूकावट आ जाने से बुनकरों ने राहत की सांस ली है। यार्न की मांग में कोई कमी नहीं हुई है, परंतु इस बीच काॅटन यार्न के भाव जो एकाएक बढ़ते थे, उस स्थिति में जरूर बदलाव देखा गया है। बाजार में काॅटन यार्न के भाव स्थिर होने को मचल रहे है। भिवंडी पावरलूम केंद्रांे पर अब ग्रे कपड़ों के भाव स्थिर हो सकते हैं। आधुनिक लूमों पर प्रोग्राम भरपूर है। परंतु यहां कारीगरों की कमी चिंता का सबब बन गया है। भिवंडी की आबो-हवा को लेकर असमंजस की स्थिति है। यहां बुनियादी सुविधाओं पर जल्दी ध्यान नहीं दिया गया तो बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि यहां से पलायन की शुरूआत हो गई है।
भारत में सूटिंग, शर्टिंग और साडि़यों में उपयोग किये जाने वाले पोलिएस्टरों कपड़ों में से करीब 33 प्रतिशत की पूर्ति भिवंडी स्थित पावरलूम इकाइयां करती है। यहां उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कारीगर काम करते हैं। जरूरी सुविधाओं के अभाव में श्रमिकों में तरह-तरह के रोग पसर रहे है, कारीगरों के लिए बीमा सुविधा नहीं है, कारीगरों की दशा खराब होने से यहां से जो कारीगर अपने घर जा रहे हैं, वे दोबारा नहीं आ रहे हंै। अब तो गुजरात व अन्य राज्यों की ओर इनका पलायन भी शुरू हो चुका है। लाखों लोगों को रोजी-रोटी मुहैया करने वाला, जीडीपी और निर्यात में योगदान करने वाले पावरलूम का स्वर्णिम काल 1980 से शुरू हुआ, जब मुंबई की कपड़ा मिलें एक के बाद बंद होने लगी थी।
महाराष्ट्र में फर्निशिंग कपड़ों पर रिटेल स्तर पर 5 प्रतिशत वैट लगाया गया है। लेकिन अब इंटरलाइनिंग कपड़ों पर भी 5 प्रतिशत वैट लगाये जाने की बात हो रही है। यह वैट एक्स मिल भाव पर लगेगा अथवा रिटेल भाव पर लगेगा, इसका स्पष्टीकरण नहीं होने से यहां की मिलों ने इंटरलाइनिंग कपड़ों की इन्वाॅइस लेना बंद कर दिया है। लेकिन गुजरात के उत्पादकों द्वारा मुंबई बाजार में धड़ल्ले से इंटरलाइनिंग कपड़ा बेचा जा रहा है। साउथ से यहां आने वाला काॅटन ग्रे कपड़ा आरटीजीएस के बिना अब नहीं आ रहा है। इससे सूती ग्रे कपड़ों में उधारी के पैटर्न में कुछ सुधार हुआ है। परंतु सिंथेटिक्स कपड़ों में भुगतान की पोजीशन अभी तक नहीं सुधरी है।
पारलूमों में गैर-स्टेंडर्ड कपड़ों के उत्पादकों की स्थिति खराब है। चूंकि अब हरेक स्तर पर गुणवत्तापरक कपड़ों की ही मांग की जा रही है। ऐसे में कपड़ों की क्वालिटी पर ध्यान नहीं देने वाले उत्पादकों के लिए ये कपडे+ गले के फांस बन सकते हैं। इचलकरंजी में भी कपड़ों ग्रेडेशन को लेकर समस्या खड़ी हुई है। ग्रेडेशन ठीक नहीं होने से मुंबई की पार्टियों का माल वापस चला गया है। ग्रेडेशन की यह समस्या शेमरे, फिलाफिल, डबल क्लाॅथ में विशेषकर देखने को मिली है।
शर्टिंग में पीस डाइड कपड़ों की भारी मांग से हाजिर में स्टाॅक कम है। विशेषकर यह स्थिति 40, 50, 60, 70 और 80 काउंट के पीस डाइड शर्टिंग में है। रूबिया की मांग सुधरी है। माल की गुणवत्ता पर पकड़ रखने वाले उत्पादकों के पास भरपूर आॅर्डर है। रूबिया के भाव में सुधार हुआ है। समर सीजन की बिक्री को देखते हुए बढ़े भाव पर स्टाॅकिस्ट माल को पकड़ रहे हंै। बेडशीट्स में 200, 300 और 400 टीसी में निर्यात मांग सुधरी है। निर्यातकों की मांग इन आइटमों में बनी हुई है। खांगा कीटांगे के 30/34, 60/50 के 49 इंच व 50 इंच पना के पावरलूम कपड़ों की बाजार में अच्छी माग है। इसका भाव 25 से 26 रूपये के बीच है।
ग्रे कपड़ों में स्थिरता है। सूती ब्लीच पोपलीन की मांग को समर्थन मिल रहा है। इसमें 40/40, 92/80 44 इंच पना का भाव 35 रूपये और 40/40, 92/88 44 इंच पना का भाव 39 रूपये कोट किया गया है। 30/30, 124/64 ट्विल सुल्जर लूमों के 63 इंच पना के ग्रे कपड़ों का भाव 77 रूपये हैं, 20/20, 108/56, 63 इंच पना का भाव 68 रूपये हंै। 16/12, 96/48, 63 इंच पना के ग्रे का भाव 78 रूपये हंै। 20/20, 52/52, सुल्जर लूमों पर बने 170 ग्राम वजन 50 इंच पना के ग्रे का भाव 28.75 रूपये और इसी क्वालिटी के पावरलूम का भाव 27.25 रूपये हैं। इसमें 59 इंच पना 200 ग्राम वजन की पावरलूम क्वालिटी के ग्रे का भाव 31से 32 रूपये के बीच है।
एयरजेट लूमों के काॅम्पेक्ट ˜बाई काॅम्पेक्ट 40/40, 132/72, 63 इंच पना के ग्रे का भाव 78 रूपये है। इसी की 60/60, 132/108, 63 इंच पना ग्रे का भाव 88 रूपये हंै। 80/80, 144/140, 63 इंच पना एयरजेट काॅम्पैक्ट बाई काॅम्पैक्ट ग्रे का भाव 107 रूपये है, लेकिन इसका माल बाजार में नहीं है। 60/60, 195/110 63 इंच पना एयरजेट ट्विल वीव ग्रे का भाव 110 रूपये हैं। 40/40, 142/96, 63 इंच पना ट्विल वीव ग्रे का भाव 110 रूपये हैं। 30/30, 124/64 ट्विल सुल्जर 63 इंच पना के ग्रे का भाव 77 रूपये और 20/20, 108/56 सुल्जर 63 इंच पना का भाव 68 रूपये हैं।
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