रूई में गिरावट ः निर्यात रूका लेकिन पर आयात बढ़ा
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मुंबई/ रूई में भाव घट गए है। रूई की उपलब्धि में करीब 10 लाख गांठ बढ़ने के अनुमान और रूई का आयात अधिक होने की संभावना और सीसीआई द्वारा इस सप्ताह में 2.5 लाख गांठ रूई बाजार में उतारने की संभावना से स्थानीय बाजार में नरमी के सुर बढ़े हंै। हालांकि इस बात की संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि बाजार में यह गिरावट अल्पकालिक होगी, कारण कि भारत समेत विश्व के अन्य देशों में भी आगामी फसल को लेकर जिस तरह से अटकलें लगाई जा रही है, उससे रूई में मनोवृत्ति तेजी की ही बनने वाली है।
फिलहाल भारत में रूई के भाव वैश्विक भाव की तुलना में औसतन अधिक होने से निर्यात मांग घट गई है। आमतौर पर निर्यातकों की मांग कमजोर पड़ गई है। स्पिनिंग मिलों की लेवाली मंे भी कोई दम नहीं है। रूई की आवक दिनों-दिन कम होती जा रही है। सभी केंद्रांे को मिलाकर अब तक 80 प्रतिशत से अधिक रूई बाजार में आ चुकी है। गुजरात, महाराष्ट्र और एमपी की रूई में काफी आवक होनी है, जबकि नाॅर्थ की ओर रूई की आवक समाप्त होने को है। भारत से रूई के निर्यात पर फिलहाल किसी तरह के रोक की संभावना नहीं हैं।
वैश्विक स्तर पर रूई की पैदावार का अनुमान कम है और खपत बढ़ी है। इंटरनेशनल काॅटन एडवाइजरी कमेटी के अनुमान है कि वैश्विक रूई का उत्पादन 4 प्रतिशत घटेगा और खपत में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। 2012-13 में उत्पादन का अनुमान 260 लाख टन है, जबकि खपत 230 लाख टन का है। वहीं 2013-14 की सीजन में उत्पादन 14 प्रतिशत घटकर 223.60 लाख टन होने की धारणा व्यक्त की है। लेकिन रूई की खपत गत सीजन जितना रहने का संभावना है।
काॅटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अंतिम अनुमान में 2012-13 में देश में रूई की पैदावार गत वर्ष की तुलना में 22 लाख गांठ कम 351 लाख गांठ होने का अनुमान रहा है। वहीं रूई सलाहकार बोर्ड द्वारा 10 लाख गांठ अधिक रूई की पैदावार का अनुमान लगाया गया है। जबकि सीसीआई को लगता है कि रूई के उत्पादन एवं खपत के मद्देनजर देश में रूई की कमी की संभावना नहीं है। हां निर्यात लक्ष्य से अधिक हो सकता है। 80 लाख गांठ निर्यात का निर्यात का अनुमान है।
वहीं आयात के मामले में भी वृ(ि के संकेत मिले हैं। वैश्विक बाजार भाव की तुलना में भारत में रूई के भाव अधिक है, जबकि अफ्रीकन रूई सस्ते पड़ रही है। करीब 2000 टन रूई की खरीदी अफ्रीका के तंजानिया से किये जाने की खबर है। इसकी डिलीवरी जुलाई में मिलने की उम्मीद है।
हाजिर बाजार में आवक कम है, आयात बढ़ने की संभावना है और निर्यातकों तथा स्पिनिंग मिलों की कमजोर मांग से बाजार में रूई के भाव घटने लगे हैं। हाजिर में गुजरात संकर रूई के भाव घटकर प्रति खंडी 37500 से 37800 रूपये, कल्याण रूई 27800 से 28200 रूपये रही है। महाराष्ट्र एवं एमपी की रूई के भाव प्रति खंडी 37800 से 38500 रूपये की रेंज में रहे हंै। नाॅर्थ की ओर भाव प्रति मन 3870-4000 रूपये के बीच रहा है।
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