लाॅट के मालों से विमुख होते जा रहे हैं व्यापारी
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आगरा/ एक समय था कि जब विशेषकर क्लाॅजिंग के समय थोक व्यापारियों को इन्तजार रहता था कि उत्पादकों से ऐसे लाॅट रूपी माल मिल सकेंगे। जिसमें हमें दो पैसे प्राप्त ही नहीं होंगे बल्कि हमारा रिटेलर भी उन्हें खरीदने के लिए लालायित रहेगा। लेकिन आज लाॅट के इन मालों से थोक विक्रेता बिल्कुल विमुख हो चुका है। क्योंकि उसे इस प्रकार के लाॅट के माल के खरीददारों को ढूंढना पड़ता है। उनके आने का इन्तजार करना पड़ता है। इसी इन्तजार में बेचारा थोक विक्रेता रोजाना ऐसे मालों को धूप बत्ती लगाते रहना पड़ता है जहां थोक कपड़ा की सोच बदली है वहीं उत्पादकों की सोच में भी बदलाव आया है। वे भी ऐसे मालों को कम रेट पर बेचने के बजाय विभिन्न लुभावनी स्कीमों को चालू कर तथा काॅन्फ्रेंस आयोजित कर ऐसे मालों को सलटाने का प्रयास करने लगे हैं। ऐसे मालों से व्यापारी का विमुख होने का कारण तेजी से बदलते फैशन का दौर भी है। हर उपभोक्ता की आज यह ख्वाहिश बन चुकी है कि वह लेटेस्ट से लेटेस्ट वैराइटी ही खरीदना चाहता है। जहां लाॅट के मालों से व्यापारी विमुख होते जा रहे हैंं। वहीं शर्ट एवं पेण्ट पीस जोड़ा सूटिंग शर्टिंग के क्षेत्र में हावी होता रहा है। फैंसी शर्ट एवं पेण्ट पीसों के जोेड़ों का मुख्यतः व्यापार करने वाले श्री महेश चन्द एवं श्री सुनील कुमार का कहना है कि इस प्रकार की पैकिंग मंे रिटेलरों को काफी राहत मिली है, स्टोक का बोझ उन पर कम हुआ है और मुनाफे में भी इजाफा हुआ है। काटने पीटने का बवाल भी उसके साथ नहीं रहता है। आज बाजारों में सभी मिलों के इस प्रकार के जोड़े उपलब्ध है। फिर भी सियाराम, सुजुकी, चिनार, रीड एण्ड टेलर, मोण्टी कार्लाे, अरविन्द, क्यूमेक्स के जोड़ों का रूतबा कायम है। वहीं विवाह-शादी में देने योग्य 100 से 125 रूपए पेण्ट शर्ट के जोड़ों ने धूम मचा रखी है। जिनकी पैकिंग या सेलवेज मेें सियाराम, डोनियर, रेमण्ड का नाम उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रहा है। ऐसे जोड़े लोकल में ही तैयार कराये जा रहे हैं।
इस प्रकार के जोड़ों की जहां धूम मची हुई है। वहीं रिटेल में इनकी वापसी की गुन्जाइश बहुत रहती है। थान में से काटे जाने पर तो दुकानदार वापसी से बच जाता है। लेकिन पीसों के मालों को मजबूरी एवं लिहाजवश उसे वापस कर लेना पड़ता है। फिलहाल बाजारों में इस समय ग्राहकी बहुत अच्छी है। जिसके चलते मालों की शाॅर्टेज महसूस की जा रही है।
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