फाइन एवं सुपर फाइन काउंट के यार्न के भाव बढे
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मंुबई/ बाजार में यार्न की मांग अभी बहुत अच्छी नहीं है। वीवरों की खरीदी सिर्फ जरूरी यार्न तक सीमित है, बावजूद बाजार में काॅटन यार्न, फाइन काउंट के यार्न और सुपर फाइन काउंट के यार्न में तेजी आ गई है। ग्रे कपड़ों के उत्पादन स्तर पर भी सरगर्मी का कोई माहौल नहीं है। सूती यार्न, पीवी यार्न, पीसी यार्न के ऊंचे भाव पर ग्राहकी कमजोर है। यार्न में आये सुधार के कारण ग्रे कपड़ों के भाव बढ़कर बोले जा रहे हैं।
पोलिएस्टर यार्न पर एंटी-डम्पिंग शुल्क हटा लिए जाने के बाद अब कदाचित बाजार में यार्न की ऊंची कीमत से वीवर्सों को राहत मिल सकेगी। अनेक समय से देशी स्पिनरों द्वारा जब चाहा तब बाजार में यार्न का भाव बढ़ा दिया और जब चाहा तब घटा दिया, इससे परेशान वीवरों को अब राहत मिलेगी। परंतु जो वीवर्स पोलिएस्टर का आयात करना चाहते हैं उनको आयात का कस्टम क्लीयरेंस कराना पड़ेगा। सरकार के इस निर्णय से बाजार में आयातित यार्न की आमद बढे+गी और इसका लाभ स्थानीय वीवर्सों को होगा।
फिलहाल भिवंडी, मालेगांव और इचलकरंजी समेत अनेक उत्पादन केंद्रों पर ग्रे कपड़ों का उत्पादन कमोबेश ठीक है और वीवरों के पास बाजार अनुकूल आइटमों की मांग है। इन केंद्रांे पर उत्पादन बढ़ने से यार्न की लेवाली को समर्थन मिल रहा है। फिलहाल फाइन एवं सुपर फाइन यार्न के भाव में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 96 काउंट के यार्न का भाव प्रति किलो जो करीब एक वर्ष पहले 312 रूपये था, वह बढ़कर 420 रूपये हो गया है और 90 काउंट के यार्न का भाव भी 100 रूपये तक बढ़ा है।
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