टेक्सटाइल उद्योग-व्यापार मेंे सुधार के संकेत
आगामी सीजन में रौनक लौटने की उम्मीद
जून में टेक्सटाइल उत्पादन की विकास दर 9.3%
वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सयुंक्त विकास दर 3.2%
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नई दिल्ली/ यद्यपि निर्यात घट रहा है फिर भी ऊंचे निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के सहयोग का आश्वासन एवं आगामी फेस्टीवल एवं वैवाहिक सीजन के लिए घरेलू बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद से टेक्सटाइल उद्योग-व्यापार में सुधार दिखाई देने लगा है। निर्माताओं द्वारा आगामी सीजन की तैयारी किए जाने से उत्पादन बढ़ रहा है।
केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी किये गये औद्योगिक उत्पादन सूचकांक ;आईआईपीद्ध आंकड़ों के अनुसार जहां जून 2012 में निर्माण क्षेत्र की विकास दर -3.2% के नकारात्मक स्तर पर पहुंच गई है, वहींं टेक्सटाइल एवं क्लोदिंग की संयुक्त उत्पादन की विकास दर 6.1% हो गई है जबकि जून 2011 में यह -6.1% नकारात्मक थी। इससे टेक्सटाइल क्षेत्र में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और उम्मीद है कि आगामी सीजन में टेक्सटाइल उद्योग-व्यापार में रौनक लौटेगी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में टेक्सटाइल एवं क्लोदिंग की सयंुक्त विकास दर 3.2% हो गई है जबकि गत वर्ष की समान अवधि में यह -3.2 प्रतिशत नकारात्मक थी। जून 2012 में टेक्सटाइल उत्पादन की विकास दर 9.3ø हो गई जबकि जून 2011 की समान अवधि में यह -1.5% थी। निर्यात में भारी गिरावट की वजह से गारमेण्ट के उत्पादन की विकास दर अभी भी नकारात्मक बनी हुई है फिर भी गिरावट पहले से कम है। जून 2012 में अपैरल-गारमेण्ट की की विकास दर -1.1% रही जो जून 2011 के -15.2% के मुकाबले बेहतर है। अर्थात् गारमेण्ट उत्पादन में भी सुधार हो रहा है।
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