खुलते बाजार में यार्न बढ़ा ः कपड़ा बढ़ने की उम्मीद
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मालेगांव/ पूरे भारत वर्ष में मानसून देरी से और औसत से कम रहा है। राजस्थान में अब तक कम वर्षा होती थी वहां बाढ़ आई है। महाराष्ट्र में विकास और उन्नति आजादी के बाद एक तरफा रही थी। पिछले पांच-सात साल से भूखंड, घोटाले, भ्रष्टाचार व राजनीतिक अस्थिरता से पीछे रहने लगा है। अब गुजरात और बिहार के विकास व उन्नति में अग्रसर हो रहे हैं। टेक्सटाइल मार्केट में सबसे ज्यादा रोजगार के साधन रहते हैं। इस आधुनिकरण के युग में मालेगांव मंडी में सादे लूम पर सादा और सस्ता कपड़ा बनता है।
पिछले महिने भर में सूती धागा बढ़ता रहा है, साथ-साथ ग्रे कपड़ा भी बढ़ा। पीसी का यार्न व कपड़ा दोनों बढ़े। लेकिन रोटो का यार्न व कपड़ा की हालत ज्यादा खराब है। पी.ओ.वाई के भाव बढे+ हैं और रोटो-जीरो के भाव कम हुए है। वैसे अगस्त माह तक का सूती और पीसी का कपड़ा जुलाई में ही बिक गया था। 20 अगस्त को रमजान ईद से 25 तक पावरलूम, साइझिंग, आदि सब बन्द रहने से छुट्टियां रहती है। मार्केट भी सुनसान हो जाता है।
खुलते बाजारों में सूती धागा 3-5 रूपया सभी काऊंट में मिल वाले बढ़ाकर बोल रहे हैं, ऐसा सूत व्यापारी बोल रहे हैं। स्थानीय दलाल कहते है बुनकर अगर ऊंचे भावों में कपड़ा बिका तो ही सूत लंेगे। इचलकंरजी मार्केट में सुपरफाईन और काॅम्ब्ड में 10-15 रूपया किलो एक दिन में बढे+ हैं। सूत बाजार मजबूत है और कपड़ा में पड़ता नहीं होने से ढ़ीला है। मिल वालों को बड़ा मुनाफा मिल रहा है। पावर कटौती से कई महिनों से यार्न बाजार की पकड़ मजबूत है। पावरकट मालेगांव में 5-6 घंटा है। ईद से पहले पावर कट और रोजा खोलने की छट्टी से उत्पादन घटा ही था। अब सितम्बर माह में क्या सितमगर होते देखना है। रोटो और झिरो के यार्न व कपड़े में सुधार होना चाहिए। इण्डिगो यार्न की खड़ी पतली क्या खराब हो गई है। ऊंचे में 275 रूपया किलो बिकने वाला 210-215 रूपया किलो में बिक रहा है।
ः: बाजार भाव ताव :`
पोपलीनः 60*48 का 16.80 रूपये और 70*48 का 19.00 रूपये, क्रेम्ब्रिर्क में 73 ग्राम 17.00 रूपये और 84 ग्राम 19.00 रूपये, रोटो का 6.8 किलो 9.80 रूपये और 5.7 किलो 8.25 रूपये
सूती धागा :- 34 बाना 1030-1040 रूपये / 38 ताना 1100 से 1110 रूपये / 44 ताना 2$2 का 1230 रूपये
60 बाना 1290 से 1300 / रोटो 113 से 115 नाका बाहर तथा झिरो 109 से 110 नाका बाहर (प्रति किलो)
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