आखिर कैसे कटेंगे मंदी के ये दो महीने
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आगरा/ ईद की बिक्री द्वारा दिखाये गये ठेंगे के बाद अब व्यापारियों को यह चिंता खाई जा रही हैं कि आखिर ये दो महीने कैसे कटेंगे। फिलहाल व्यापारी लोकल दलालों के हिसाब किताब में लगा हुआ हैं। कहीं भी किसी भी कपड़े की बिक्री नजर नहीं आ रही है।
यूं तो भादों का महीना बिक्री के हिसाब से मंदा ही रहता है। लेकिन ईद पर बिक्री न चलने के कारण व्यापारियों को यह महीना काफी मंदा नजर आ रहा है। साथ इस बार पुरूषोत्तम मास के चलते दो महीने की मंदी व्यापारियांे को साल रही हैं। व्यापारी चिंतित हैै किस प्रकार ये दो महीने कट पायेंगे। व्यापारियों द्वारा लगाई गई डिस्काउंट सेल भी व्यापारियों को नहीं लुभा पा रही है। जिसका मुख्य कारण समय-समय पर बरसात का न होना तो है ही साथ ही इस माह में हो रही है असामायिक बरसात ग्राहकों के आवागमन में बाधक बनी हुयी है। व्यापारियों का मानना है कि अक्टूबर माह में अच्छी ग्राहकी रहेगी क्योंकि करवा चैथ, दीपावली के साथ मुस्लिम शादी-विवाह भी प्रारंभ हो जायेंगेे। साथ ही बदलते सर्दी के मौसम के कपड़ों की मांग भी निकलेगी।
‘एकमा’ के प्रयासों से व्यापारी को वापस मिले 17 लाख रूपये संगठन में बड़ी शक्ति हैं। यह बात गोकुलचन्द अनिलकुमार के साथ घटी घटना ने साबित कर दिखाया है कि यदि ‘एकमा’ अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं करती तो कोटक महिन्द्रा बैंक में उनके द्वारा कई चरणों में जमा कराये गये कुल 17 लाख रूपये की गड़बड़ी का मामला आसानी से सुलझने वाला नहीं था। यदि व्यापारी ने इसकी जानकारी एकमा को नहीं दी होती तो शायद उसे बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। प्रसन्नता की बात है कि ‘एकमा’ के प्रयासों से व्यापारी के साथ बैंक द्वारा की गई गड़बड़ी के 17 लाख रूपये उसके खाते में जमा हो गयें।
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