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अच्छे दिन लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है बाजार

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इन्दौर/ प्रदेश में झमाझम बारिश से नदी नालों, बांधों को लबालब कर दिया है परन्तु लगातार बारिश एवं अतिवृष्टि से कई जिलों में फसलें चैपट होने के आसार दिखलाई पड़ रही है। सभी मौसम खुलने के लिए दुआएं कर रहे हैं। थोक कपड़ा बाजार में रक्षाबन्धन एवं ईद की ग्राहकी निपटने के बाद व्यापारी वर्ग फुर्सत में हो गया है। व्यापारियों के अनुसार पूरा सितम्बर ग्राहकी के लहजे से कमजोर ही रहना है। अक्टूबर से ही आगामी सीजन की तैयारियां शुरू हो सकती है। व्यापारियों को ग्राहकी चलने का बिल्कुल भी इंतजार नहीं है। स्थानीय, आसपास एवं दिसावरों के रिटेलर बाजार से गायब हो गए हंै। अब आगे लम्बा समय सन्नाटा पसर सकता है। थोक व्यापारी स्टाॅक करने से डर रहा है। व्यापारी वर्ग फालतू समय का उपयोग गप्पों एवं राजनीति की बातों में बीता रहे हैं। विशेषज्ञ देशहित का चिन्तन भी कर रहे हैं। यदि देश में रिटेल एफडीआई के द्वारा खुल जाते हैं तो रोजगार के अवसरों की भरमार हो जाएगी। तरक्की की रफ्तार बढ़ेगी, ग्राहकों को फायदा होगा वहीं आपूर्ती पक्ष में सुधार आएगा। रिटेल एफडीआई का जबरदस्त स्वागत किया जाना चाहिए। वाॅलमार्ट, टेस्को, कार्फू, आइकिया, जारा देश का भविष्य है। थोक कपड़ा बाजार में सूटिंग बिक्री की रफ्तार इस वक्त गायब हो गई है। मिलों एवं भीलवाड़ा सूटिंग्स में कामकाज कमजोर ही है। ईद के बाद नए मालों की आवक एकदम ठंडी पड़ गई है। यदि मौसम खुल जाता है तो वूलन सूटिंग की मिलें खुदरा बाजारों में जा कर बुकिंग शुरू कर सकती है। मेकर्स के डीलर जरूर अपने सधे हुए व्यापारियों को माल बूस्ट कर रहे हैं। इस समय बाजार में मंदी का इंफेक्शन कई गुना बढ़ गया है। व्यापारियों के पास जरूरत से ज्यादा स्टाॅक पड़ा है और मिलें इस समय भी चैम्पियनशिप का खिताब हासिल करने को आतुर है। थोक व्यापारियों के अनुसार ग्राहकी लम्बे समय तक लटके रहना है फिर भी लाभ के नए अवसर बेग उठाने वालों को मिल रहे हैं। मिलों के एजेण्ट माल खपाने के लिए रात-दिन एक कर रहे हैं। प्रसन्नता के मुखौटे के बीच भी मुंह लटके हुए हैं। भीलवाड़ा एवं मिलंे ग्राहकी में सुधार का इंतजार कर रही है। सूटिंग्स में तेजी अक्टूबर में देखने को मिल सकती है। जो स्थितियां है उसके कारण सूटिंग्स में 10 प्रतिशत तक भाव तन सकते हंै। अरिहन्त ट्रेडर्स, उज्जैन की प्रकाश प्रीमियम शर्टिंग ‘द टाइगर’ में हल्की फुल्की मांग है। स्थानीय शर्ट पीस निर्मातागण दिसावरों में अपने प्रतिनिधि भेज कर माल खपाने का जोरदार प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के कारण उन्हें रिस्पोंस भी मिल रहा है। मुम्बई की भी कई यूनिटें खुदरा बाजारों की खाक छान रही है उन्हें भी बुकिंग मिल रही है फिर भी बाजार शांत है। थोक गारमेण्ट के निर्माता जरूर नवरात्री, दशहरा, दीपावली की गतिविधियां चला रहे हैं। आने वाले समय में इसमें तेजी आएगी, ऐसा विशेषज्ञ वर्ग कह रहे हैं। फिलहाल बाजारों में आॅर्डर का टोटा पड़ा हुआ है। क्या चलना चाहिए? और क्या नहीं इस पर भी बहस देखी जा रही है? शर्टिंग में ‘पेनल शर्टिंग’ बुरी तरह फ्लाॅप साबित हो रही है और यह क्वालिटी विफल रही है। इसके लाॅट भी ग्राहक पसंद नहीं कर रहे हैं। फिलहाल शर्टिंग में किसी भी क्वालिटी को प्राथमिकता नहीं मिल रही है। बल्कि भुगतान में देरी से व्यापारियों में हलकान है। इस समय व्यापारियों को खरीदी से कोई फायदा नहीं हो रहा है काॅटन शर्टिंग में भी मांग नहीं है। ड्रेस मटेरियल में रक्षाबन्धन एवं ईद की ग्राहकी का समापन हो गया है। साडि़यों में भी मांग नहीं है। थोक व्यापारी वर्ग खरीददारी पर ब्रेक लगाकर आराम कर रहा है। साड़ी बाजार में आगामी लग्नसरा सीजन की तैयारियों को लेकर चिन्तन मनन चल रहा है क्योंकि इस बार नवम्बर-दिसम्बर का लग्नसरा का सीजन बेहद छोटा है उसे देखते हुए ही व्यापारी वर्ग रेलवे की टिकटों की बुकिंग करवा रहा है। सबसे ज्यादा सूरत की टिकटंे बुक हो रही है। अक्टूबर का महीना ही सबसे बेहतर माना जा रहा है। साडि़यों के व्यापारियों की कोलकाता, बनारस की बुकिंग भी हो गई है। साडि़यों के व्यापारी दिल्ली, जयपुर, बेंगलुर की टिकट भी बुक हुई है। इन्दौर के पैसों का प्रवाह सूरत, भीलवाड़ा की ओर ज्यादा रहता है उसके बाद मुम्बई, अहमदाबाद, लुधियाना, पाली, बालोतरा, दिल्ली की तरफ मुड़ता है।

                 

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