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मिलांे ने किया प्रीमियम शर्टिंग की ओर रुख सूती मलमल, केम्ब्रिक, लोन, वाॅयल में अंडरकास्ट की स्थिति ः काॅटन धोती जोड़ा 30 से 40 रूपये महंगा

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मुंबई/ कपड़ा बाजार चैतरफा मंदी की चपेट में है। एक तरफ बाजार में आर्थिक संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है, दूसरी तरफ काॅटन यार्न एवं रूई के भाव बढ़ने के कारण सूती कपड़ों की उत्पादन लागत तो बढ़ रही है, लेकिन रिटेल काउंटरों पर कपड़ों की खपत नहीं बढ़ रही है। यूरोपियन देशों के संकट में होने से निर्यात कारोबार डगमगा गया है। बाजार में न केवल वैश्विक मंदी का असर दिखाई दे रहा है, बल्कि देश में राजनीतिक अस्थिरता, देश के कई क्षेत्रों में बारिश की कमी और कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थितियां होने से बाजार के संेटीमेंट पर दूरगामी असर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बाजार में रमजान की ग्राहकी से काफी उम्मीदें की गई थी, परंतु यह ग्राहकी सभी को निराश कर गई है। बाजार की गति रूक गई है तथा उधारी की वापसी विलंबित होने से उत्पादकों की उत्पादन चैन भी नाजुक होती जा रही है। बाजार में सूती मलमल, केम्ब्रिक, लोन, वाॅयल इत्यादि कपडे+ लागत से कम भाव पर बेचे जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वीवर्सों को लूम पर प्रति मीटर 50 पैसे से 1.50 रूपये का नुकसान होने की बात कही जा रही है। ग्रे सूती कपड़ों की मांग कमजोर रहने से इनके भाव सुस्त हो गए हंै। यार्न डाईड शर्टिंग चैक्स में मिलों एवं पावरलूम दोनों के माल में ग्राहकी है। अहमदाबाद में प्रदूषण के मुद्दे पर कई प्रोसेस हाउसों के बंद पड़ जाने से बड़े पने की डबल बेड बेडशीट्स के माल में दिक्कतें आ रही है। बाजार में इस माल की कोई ठोस ग्राहकी नहीं है, बावजूद डबल बेडशीट्स के भाव भी बढ़ गए हंै और बाजार में माल का शॅार्टेज हो गया है। ऐसी ही स्थिति काॅटन धोती में बताई जा रही है। काॅटन एवं पोलिएस्टर दोनों धोती के भाव बढ़कर बोले जा रहे हंै। सूटिंग में बाजार धीमी गति से चल रहा है। आयातित सूटिंग में मांग नहीं है और न हीं कोई विशेष स्टाॅक है। फैंसी ब्लाउज मटीरियल की मांग है जिसमें डाॅबी जेकार्ड, पैनल और बूटा जैसे आइटमों की पूछताछ है। इसमें श्रीजी सबसे बडी उत्पादक है। इन दिनों शर्टिंग में यार्न डाइड चेक्स की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इसके ग्रे कपड़ों का भाव 105 रूपये हो गया है। ग्रे कपड़ों की खरीदी कर उसका प्रोसेस कराकर बेचने वालों को यह तैयार कपड़ा 115 रूपये में पड़ रहा है और वे इसे कुछ रूपये मुनाफा चढ़ाकर बेच रहे हैं। मिलें 120/80 की स्टैंडर्ड क्वालिटी बनाकर फिनिश माल 125 से 130 रूपये के भाव पर बेचती है। पावरलूम में 40/40, 112/76 , 58 इंच पना में रेपियर लूम का कपड़ा फिनिश होकर 120 रूपये में बिक रहा है। भरपूर मांग के समर्थन से इस आइटम में उत्पादकों की भरमार हो गई है। मिलों से लेकर पावरलूमों तक में इस आइटम के उत्पादन में हौड मची हुई है। मिलों में मफतलाल ने हाई वैल्यू प्रीमियम शर्टिंग के उत्पादन की ओर रूख किया है। कंपनी ने लिनन एवं यार्न डाईड शर्टिंग का उत्पादन करना भी शुरू कर दिया है। मफतलाल पीसी यार्न डाईड शर्टिंग का बांग्लादेश में निर्यात करती है। इस बीच सियाराम की ओर से ‘विक्ट्री’ नामक 58 इंच पना की प्रीमियम शर्टिंग बाजार में उतारी गई है। लिक्विड रेजिन फिनिश का यह कपड़ा 100 प्रतिशत काॅटन के अलावा पीवी, पीसी और लिनन ब्लेण्ड में उपलब्ध है। धोती में विगत दो महीने में भाव प्रति जोड़ा काॅटन धोती में 30 से 40 रूपये और पोलिएस्टर धोती में 20 से 25 रूपये तक बढ़ चुका है। मिलों का कोई माल इसमें नहीं है। धोती का उत्पादन इचलकरंजी एवं बुरहानपुर में किया जाता है। बुरहानपुर में जहां हल्की धोती का उत्पादन किया जाता है, वहीं इचलकरंजी अच्छी गुणवत्ता का माल बनाकर देता है। परंतु इस समय धोती का बाजार बिल्कुल ठंडा है, इसके बावजूद ऐसी ऐतिहासिक भाव वृ(ि के पीछे वायदा में बल्क आॅर्डर का होना बताया जा रहा है। धोती की उत्पादक मिलों के बंद हो जाने के बाद फाईन एवं सुपर फाईन धोती के लिए सबसे ज्यादा निर्भरता इचलकरंजी पर बढ़ी है। कुछ मिलंे यहां से माल खरीदकर अपनी स्टेम्पिंग कर उसे बेचती है। फिन्ले मिल कई साल से बंद है। परंतु पीसी धोती पर ब्रास्लेट छापकर इसे बाजार में बेचा जा रहा है। धोती का उत्पादन करना थोड़ा कठिन है, इसको बनाने वाले कारीगरों की भी कमी है। धोती की बुनाई करते समय कारीगरों को इसके बाॅर्डर, किनारी एवं 9 मीटर पर पट्टा काटना पड़ता है। जबकि मलमल जैसी प्लेन किस्म को चलाने में कोई दिक्कत नहीं होती हैं। अतएव धोती का उत्पादन कम हो गया है। इस समय बाजार में 64/56, 9 बाई 47 इंच काटन धोती का भाव बढ़कर 210 रूपये और पीसी का 160 रूपये हो गया है। ग्रे कपड़ों के भाव स्थिर है। एयरजेट लूम पर बनी 80/80, 144/40, 63 इंच पना की केम्ब्रिक का भाव 87 रूपये है। साटीन 60/60, 170/80, 48 इंच पना का भाव 53 रूपये है। सुल्जर लूम पर बना 30/30, 124/64, ट्विल का भाव 71 रूपये है। इसी तरह से अन्य किस्मों के भाव मांग के अभाव में स्थिर पडे हुए हैं।

                 

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