Textile News
काॅटन यार्न पर 10 प्रतिशत कस्टम शुल्क हटाने की मांग

Email News Print Discuss Article
Rating

मुंबई/ यार्न बाजार पानी के बुलबुले जैसा हो गया है। यार्न की खपत वाले केंद्रो में ग्रे कपड़ों का कोई लेवाल नहीं है। रोटो यार्न की हालत खराब है। काॅटन यार्न में कभी भाव अचानक बढ़ जाते हंै तो कभी घट जाते हंै। इसमें सटोरियों की पकड़ मजबूत है। देश की कुछ मण्डियांे में सूती धागों के भाव में कमी की खबरें हैं, जबकि मुंबई का बाजार टाइट है। पिछले कुछ दिनों में काॅटन यार्न का भाव करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ा है। आमतौर पर देखा जाये तो इस समय काॅटन यार्न, पोलिएस्टर यार्न, पोलिएस्टर काॅटन यार्न और विस्कोस यार्न के भाव काफी ऊंचे लग रहे हैं। देश में रूई की कोई कमी नहीं है, स्पिनिंग मिलों को रूई की उपलब्धि आसान है। तथापि साउथ की मिलों ने बिजली की कमी के आधार पर यार्न का उत्पादन कम होने की बात फैलाकर बाजार को टाइट कर दिया है। बाजार में यार्न की खरीदी बहुत ही सीमित प्रमाण में किये जाने की खबर मिल रही है। ग्रे कपड़ों की मंाग कमजोर रहने से वीवर उन्हीं आइटमों के उत्पादन पर जोर दे रहे हंै ताकि बोझ से बचा जा सके। जानकारों का ऐसा कहना है कि अभी तो शुरूआत है। उत्पादन के लिहाज से यह समय काफी अनुकूल है। यदि बाजार में यार्न को स्थिरता मिल जाये तो सेंटरों पर उतपादन बढ़ सकता है। कारण कि कई महीनों तक बाजार में कोई ठोस ग्राहकी के आसार नहीं रहने से पहले से ही उत्पादन को सीमित रखा गया है, अब जब सामने सीजन की ग्राहकी के साथ वैवाहिक सीजन की भी मांग रहेगी। ऐसे में उत्पादन को कोई रोकना नहीं चाहता है, लेकिन यार्न की उठापटक से चैकन्ना होकर काम किया जा रहा है। सिंथेटिक यार्न के कच्चे माल पीओवाई का हाल यह है कि इसमें भाव बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसी जानकारी मिल रही है कि संभवतः 15 सितम्बर के बाद इसमें कभी भी और भाव बढ़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों की वजह से ऐसी बढ़ोतरी हो सकती है। दूसरी ओर काॅटन यार्न पर 10 प्रतिशत कस्टम शुल्क को हटाने की मांग की गई है। यार्न आयात शुल्क मुक्त करने की मांग एपरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल द्वारा की गई है, इस आशय की जानकारी मिली है। ऐसा कहा जा रहा कि पिछले कुछ दिनों में काॅटन यार्न का भाव करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ा है।

                 

Reader's Comments:
Select Language :
Your Comment
Textile News Headlines
Your Ad Here
Textile Events
Textile Articles
Textile Forum
powerd by:-
Advertisement Domain Registration E-Commerce Bulk-Email Web Hosting    S.E.O. Bulk SMS Software Development Web   Development Web Design