फाॅर्मल शर्ट की डिमाण्ड बढ़ी
रिटेेलर्स कम मंगा रहे है नया माल
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मुंबई/ रेडीमेड कपड़ों का बाजार अभी नीरस है। उत्पादक स्तर पर बड़े पैमाने पर तैयारी किये जाने के समाचार मिल रहे हंै। परंतु खुदरा खरीदारों की रूचि कम माल मंगाने की है। बाजार के जानकारों से मिली जानकारी के अनुसार रिटेलर आगामी सीजन के लिए करीब 10 से 15 प्रतिशत कम माल का आॅर्डर दे रहे हैं। यद्यपि पहले ऐसी उम्मीद की गई थी कि आॅफ सीजन के दौरान रिटेलरों की इंवेंटरी खत्म हो जायेगी और इसके फलस्वरूप नये माल के लिए अच्छी संभावनाएं लग रही थी। परंतु ऐसा नहीं होने से नये माल के आॅर्डर कम बताये जा रहे हंै।
परंतु हाल की रिपोर्ट सकते में डाल रही है। करीब हरेक ब्रांडेड आइटमों में इंवेंटरी अपेक्षित प्रमाण में कम नहीं हो सका है। लेकिन बाजार में अब अधिकृत डिस्काउंट नहीं है। तथापि उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि ग्राहकों की लंबे डिस्काउंट की चाहत एवं दौर से बाजार के समीकरण बिगड़ गये हैं। बडे+ स्टोरों में ब्रांडेड आइटमों का भी अभी स्टाॅक है, देश में आर्थिक मोर्चे पर संकट का दौर है, महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंची है, बिके माल का भुगतान काफी देरी से आ रहा है, रेडीमेड इकाइयों को कपड़ांे की आपूर्ति करने वालों के आर्थिक संकट में होने से बाजार की दिशा भ्रमित है।
आजकल के फैशन और स्टाइलिश बाजार में कुछ वस्त्र पुरूष एवं महिलाओं के लिए काॅमन होते जा रहे हंै। इस कटेगरी में अब शर्ट भी आ गया है। काॅलेजों एवं नौकरी पेशा लड़कियों में स्टाइल के साथ में शर्ट महत्वपूर्ण हो गया है। शर्ट में फाॅर्मलवियर तथा ट्रेंडीवियर इस तरह दो विकल्प मिलते हैं साथ में मिलती है प्रिंट, चैक्स, फाॅर्मल , लाइनिंग, प्लेन जैसी वैराइटी, जिसमें शिफोन, लायक्रा, काॅटन, क्रश सिल्क जैसी मटेरियल में अनेक किस्म की वैराइटी बाजार में देखने को मिलेगी।
फाॅर्मल शर्ट आॅफिस वियर एवं एक्जीक्यूटिव लुक के लिए उचित पसंदगी का माना जाता है। इसमें स्ट्राइप्स, प्लेन एवं और छोटे चैक्स अधिक है। वहीं ट्रेंडीवेयर शर्ट बाजार में उपलब्ध है। जिंस अथवा कैजुअल वियर के साथ इसे पहना जा सकता है।
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