रेडीमेड गारमेण्ट मंे ग्राहकी के कमजोर रुझान से व्यापारी चिंतितमांग घटने से कमजोर मार्जिन में काम करने की मजबूरी
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नई दिल्ली/ फेस्टीवल सीजन नजदीक आ गया है लेकिन ग्राहकी में सुधार नहीं हो रहा है। रेडीमेड गारमेण्ट बाजार में ग्राहकी के वर्तमान रुझान से निर्माता-व्यापारी चिंतित हैं। व्यापारियों के अनुसार दुर्गापूजा-दशहरा एवं दीपावली नजदीक आ रही है लेकिन अभी तक ग्राहकी कमजोर बनी हुई है जिससे बाजार चिंतित है। कमजोर आॅर्डर की वजह से गारमेण्ट निर्माताओं को मामूली मार्जिन में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक तरफ ग्राहकी कमजोर है और दूसरी ओर वैट विभाग के नए फरमान एवं एक्साइज विभाग की कार्यवाही से व्यापारियों का मन कारोबार से हट रहा है। अब तक व्यापारी सीजन में विलम्ब मानकर चल रहे थे और ग्राहकी चलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब व्यापारियों का सब्र टूटने लगा है। दिल्ली के वैट विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अक्टूबर से दिल्ली में बाहर से जो भी माल आएगा, उसकी जानकारी फाॅर्म टी-2 के जरिए पहले से विभाग को आॅनलाइन देनी होगी। व्यापारियों ने विभाग को इस आदेश को अनुचित करार दिया है और इसे तत्काल वापिस लेने की मांग की है। एसोसिएशन आॅफ होलसेल रेडीमेड गारमेंट्स डीलर्स, अशोक बाजार के अध्यक्ष व फेडरेशन आॅफ टेªडर्स एसोसिएशन दिल्ली के वाईस चैयरमैन श्री कंवल कुमार बल्ली नें यह नोटिफिकेशन वापिस लेने की माँग की है और बाकी लम्बित माँगों का भी अतिशीघ्र हल निकालने का अनुरोध किया है।व्यापारियों के अनुसार इस बार उत्तर पूर्वी भारत की ग्राहकी भी कमजोर है। असम में कई जगहों पर अशांति है जिससे वहां की ग्राहकी खराब हो रही है। बिहार में वैट विभाग की सख्ती की वजह से वहां माल कम जा रहे हैं। दिल्ली मंे वैट विभाग के नए फरमान एवं एक्साइज विभाग की कार्यवाही से व्यापारियों का कारोबार में मन नहीं है। कुल मिलाकार हालात कारोबार के हित में नहीं हैं। अन्यथा इन दिनों पश्चिमी बंगाल, असम एवं बिहार साइड से दशहरा-दुर्गापूजा की जोरदार ग्राहकी शुरू हो जाती थी। उत्तर भारत से दीपावली, विंटर एवं वैवाहिक सीजन की ग्राहकी भी अभी तक शुरू नहीं हुई है। निर्माताओं के पास जो स्टाॅक है, वहीं नहीं बिका है इसलिए अब निर्माताओं का नया उत्पादन करने का मन नहीं है। होलसेल क्लाॅथ मर्चेन्टस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री ओ पी गुप्ता के अनुसार इस बार कारोबारी हालात खराब है। ग्राहकी भी नहीं चल रही है और भुगतान भी नहीं आ रहे हैं। लोगों के पास स्टाॅक पड़ा हुआ है। इस समय अहमदाबाद का डबल क्लाॅथ ब्राण्डेड की मांग है। इसमें नीचे हल्का और ऊपर भारी कपड़ा होता है जिससे कपड़े में रिंकल आ जाती है। यह 175/225 रुपए मीटर में बिक रहा है। मिलों के प्योर काॅटन 2/40 ग्रे में भी मांग है। डेनिम एवं डेनिम लाइक्रा की मांग बनी हुई है लेकिन खपत पहले से कम हो गई है क्योंकि गारमेण्ट निर्माता का माल नहीं बिक रहा है। अग्रणी मिलों की काॅटन डेनिम लाइक्रा एवं सिल्की स्ट्रेच 200 रुपए, सिल्की पोलि डेनिम 175/190 रुपए, पोलिस्टर डेनिम लाइक्रा 180/185 रुपए, काॅटन डेनिम 150/185 सिल्की स्ट्रेच 200 रुपए पर स्थिर हैं। स्पार्की ब्राण्ड के चैयरमेन एवं वरिष्ठ व्यापारी श्री जे के जैन के अनुसार इन दिनों दूर्गापूजा के लिए उत्तर पूर्वी भारत की ग्राहकी जोरशोर से चलती थी लेकिन इस बार ग्राहकी बहुत कम हैं। क्योंकि असम में कई जगहों पर हालात ठीक नहीं हैं। वहां के आॅर्डर नहीं मिल रहे हैं।जेन्ट्स वियर में प्योर काॅटन की शर्ट एवं काॅटन एवं डेनिम स्ट्रेच चल रही है। स्पार्की ब्राण्ड की ट्राउजर एवं शर्ट की 450/650 रुपए तथा स्ट्रेच पेंट 500/600 रुपए की रेंज में बिक रही है। लेडीज वियर में अहमदाबाद एवं मुंबई के काॅटन से निर्मित लेडीज सूट, नाईटी एवं लेडीज वेस्टर्न डेªस में भी मांग कमजोर हैं। रम्भा ड्रेसेस की प्योर काॅटन के नाइट सूट एवं कुर्ता पजामा की अच्छी रेंज आ रही है। इसकी लाइक्रा, माइक्रो, हौजरी एवं बिजीलिजी प्रिंट की नाइटी गाऊन 125/250 रुपए की रेंज में बिक रही है। वेस्टर्न ड्रेस में कपिल ड्रेसेज द्वारा निर्मित काॅटन, रेयाॅन एवं विस्कोस के टाॅप तथा काॅटन की प्रिंट एवं वर्क एवं प्रिंट वाली कुर्ती की मांग है। आयातित फैब्रिक्स, काॅटन लाइक्रा एवं हौजरी की चूड़ीदार पजामी की मांग बनी हुई है। कपिल ड्रेसेस ने आॅफ एवं फुल बाजू के टाॅप की 150/400 रुपए की रेंज बिक रही है। सिफोन पर वर्क एवं नेट की कुर्ती 400/500 रुपए, कैम्ब्रिक का पटियाला सलवार एवं दुपट्टा 190/225 रुपए तथा हौजरी, आयातित फैब्रिक्स, काॅटन लाइक्रा की चूड़ीदार पजामी 200@225 रुपए की रेंज में बिक रही है। काॅटन शर्ट में खादी के चैक और लाइनिंग की 150-350 रुपए की रेंज की मांग बनी हुई है। काॅटन की स्लिम फिटिंग की शाॅर्ट कुर्ती 150-260 रुपए तथा इसके साथ काॅम्बीनेशन में डेनिम की स्ट्रेच जींस 200-400 रुपए की रेंज मे मांग बनी हुई है। हौजरी गारमेण्ट में कारोबार बहुत कमजोर है। काॅटन एवं वूलन हौजरी में भाव काफी बढ़ गए हैं लेकिन दिसावरों की ग्राहकी नहीं है और कोई आॅर्डर भी नहीं आ रहे हैं।
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