अब अच्छी ग्राहकी चलेगी तो ही जिंदा रह पायेगा बाजार
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इचलकरंजी/ सम्पूर्ण भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाये जाने वाले हिंदु त्यौहारों के स्वागत के लिए सभी लोग उत्सुक है। इन त्यौहारों में खान-पान के सामग्री के साथ मौज-मस्ती में रंग लाने में नये वस्त्र आवरण का महत्व बहुत बड़ा है। आजकल युवा-युवतियों के साथ ही बच्चों में भी लेटेस्ट फैशन की क्रेज बढ़ रही है। आगामी सीजन में ग्राहकों की पसंद तथा नये फैशन के कपड़े बनवाना उद्यमियों के लिए चुनौती बन गयी है। लेकिन चुनौतियों से ज्यादा, यार्न के भाव बढ़ने से कपड़ा उत्पादकों के साथ गारमेण्ट उद्यमी भी परेशान है। इस साल वर्षा की कमी से तथा कपास की उत्पादकता कम रहने से काॅटन यार्न के भाव तथा कपड़ों के दाम निश्चित रूप से बढ़कर रहने वाले हैं, यह व्यापारी और ग्राहक भी समझ चुके हैं। पिछले एक माह से पाली-बालोतरा के कपड़ा प्रोसेस यूनिट्स पानी प्रदूषण के कारण बंद थे। लेकिन अब यहां भी प्रोसेस हाउस शुरू हो गये हंै। इससे व्यापारी तथा कपड़ा उत्पादक आगामी सीजन के तैयारियों में व्यस्त है। लेकिन इस एक माह बंद के दौरान ग्रे कपड़ों का उत्पादन चालू रहने से पूरा प्राॅडक्शन प्रोसेस हाउस, ट्रांसपोर्ट तथा व्यापारियों के गोदामों में पड़ा है। अब प्रोसेस हाउस शुरू होने से सबसे पहले इन गोदामों में पड़ा हुआ पुराना स्टाॅक निकल सकता है। इसलिए आज की स्थिति में ग्रे कपड़ा बाजार में ग्राहकी कमजोर है। वस्त्रोंद्योग के जानकारों का कहना है कि पाली, बालोतरा के प्रोसेस यूनिट्स ऐसे समय बंद रहे कि ठीक उसी समय में ग्रे कपड़ों की रंगाई-छपाई का काम जोरों से चलता था। अब यहीं प्रोसेस ऐसे समय में शुरू हो गये हंै कि भारी मात्रा में पड़ा हुआ ग्रे कपड़ा प्रोसेस होकर ना तो रेडीमेड गारमेण्ट में जायेगा ना ही रिटेल मार्केट में जायेगा।ऐसी स्थिति में पहले से ही लंबे समय से कपड़ा बाजार में चली मंदी से व्यापारी परेशान है, उसमें ऐसी विपरीत समस्या उभर आने से कपड़ा बाजार की स्थिति और गंभीर बन चुकी है। इस तरह से हर दिन नयी समस्याओं से सामना करते वस्त्र उद्योग के सभी घटक आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। इचलकरंजी के सूत बाजार में पिछले सप्ताह 40,42,60,32,34 के काउण्ट का रेट 40 से 60 रुपये प्रति किलो बढ़ गये थे। पिछले 2-3 दिनों में 10-15 रुपये कम होने से कपड़े के दाम एक से सवा रुपये प्रति मीटर कम हो गये हैं। कपड़ा बाजार में कमजोर ग्राहकी के कारण ग्रे कपड़े के भाव कम हुए है। ग्रे पोपलीन 41x50 का भाव 23 रुपये प्रति मीटर, केम्ब्रीक 38’’,54x54,40x60 का भाव 14 रुपये प्रति मीटर तथा बड़े पन्ने में 92’’,72x68,40x40 का भाव 65.50 पैसे प्रति मीटर रहा है। पीवी, पीसी, टेक्सच्राइज के यार्न रेट स्थिर है लेकिन कपड़े में उठाव नहीं है। आने वाले बड़े त्यौहारों के इंतजार में बड़ा कारोबार होने के लिए कपड़ा व्यापारी आश्वत है फिर भी उम्मीदे पर कायम है।
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