बुरे दौर में है सूरत कपड़ा बाजार
|
|
|
सूरत/ स्थानीय आर्ट सिल्क कपड़ा बाजार में ग्राहकी का नितान्त अभाव है। पूरा अगस्त माह तो मानो छुटियों में ही बीत गया हो क्योंकि 2 अगस्त को रक्षाबन्धन 10 को जन्माष्टमी 15 अगस्त को आजादी का पर्व 20 को रमजान ईद व 14 से 21 अगस्त अधिकांश जैन धर्मावलम्बियों के पयूर्षण पर्व आदि का वातावरण रहा। अगस्त माह के तीन मुख्य पर्वों रक्षाबन्धन, रमजान व 29 अगस्त को सम्मपन होने वाले ओणम त्यौहार की सीजन आशानुरूप नहीं चली। कपड़ा बाजार समीक्षक श्री अरूण पाटोदिया के अनुसार सूरत कपड़ा बाजार बुरे दौर से गुजर रहा है। कमजोर कारोबार के चलते बाजार में नाणा भीड़ बढ़ गई है। दूसरी ओर अनेकों कपड़ा व्यापारियों ने तो दुकानों, लेटों व फार्म हाउसों आदि की बुकिंग करा रखी है जिनके पास स्वयं की पूंजी है उन्हें तो इतनी चिन्ता नहीं है लेकिन जो व्यापारी नाम मात्र की रकम के आधार पर प्राॅपर्टी बुक करा चुके है उन्हें अब बकाया किश्तंे चुकानी मुश्किल पड़ रही है।
बहरहाल पूंजी का अभाव सर्वत्र देखा जा रहा है। आगामी सितम्बर माह में कुछ जैन धर्मावलम्बी पयूर्षण पर्व मनायेंगे। 19 सितम्बर को ही गणेश चतुर्थी व संवत्सरी पर्व है। भाद्रपद मास अधिकमास होने से 16 सितम्बर तक शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। कपड़ा व्यवसायी श्री चम्पालाल बोथरा का मानना है कि ग्राहकी की दृष्टि से पूरा सितम्बर माह बेरंग जा सकता है। उम्मीद अब अक्टूबर व नवम्बर माह में दुर्गापूजा, दशहरा, बकरा ईद, दीपावली, मोहर्रम आदि त्यौहारों से है वैसे रमजान माह में मुस्लिम बिरादर कपड़ों की खरीद कर लेते हैं अतः 26 अक्टूबर की बकरा ईद व 25 नवम्बर को माहर्रम में इतना कपड़ा नहीं बिक पाता हैै।
कपड़ा बाजार की हालत आगामी दिनों में और भी बद से बदतर हो सकती है। अधिकांश राज्यों में कम बारिश से सूखे की नोबत दिख रही है। वहीं राजस्थान के जयपुर, चुरू, सीकर, नवलगढ़, झुन्झनुु, दौसा, करौली, धौलपुर आदि में अफलातून बारिश पड़ने से वहां बाढ़ जैसे हालात है तथा भारी नुकसान पहुंचा है। सूरत के कपड़ा उद्योग से जुड़े वीविंग उद्योग, डांइग उद्योग, एम्ब्राॅयडरी उद्योग, यार्न व्यापार, कलर केमिकल उद्योग आदि भी कारोबारी मन्दी से ग्रस्त है।
|
|
 
 
 
|